साक्षात कल्पवृक्ष हैं परमात्मा : अभिनंदनचन्द्र सागरजी
हैदराबाद, प्रभु भक्ति मुक्ति को राजी है। परमात्मा के साथ जब साधक दूध-पानी के जैसे एकमेव हो जाता है, तो वह स्वयं परमात्मामय बन जाता है। परमात्मा को साक्षात कल्पवृक्ष की उपमा दी गई है।
उक्त उद्गार गोशामहल स्थित शंखेश्वर भवन में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन संघ गोशमहल के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मासिक धर्मसभा को संबोधित करते हुए पूज्य महाशतावधानी अभिनंदनचन्द्र सागरजी म.सा. ने दिये। पूज्यश्री ने कहा कि परमात्मा की भक्ति श्रावव-श्राविकाओं का ऊर्जा केंद्र है। चित्त प्रसन्न होने से पूजन का फल प्राप्त होता है। परमात्मा के पूजन से चित्त प्रसन्नता से भर जाता है। भक्त का मन मयूर नाच उठता है। म.सा. ने कहा कि परमात्मा को साक्षात कल्पवृक्ष की उपमा दी गई है। कल्पवृक्ष से आप कुछ भी इच्छा प्रकट करते हो, वह फलीभूत हो जाती है, परंतु कल्पवृक्ष इच्छापूर्ति के लिए कुछ काल तक सीमित होता है जबकि परमात्मा कल्पवृक्ष से अधिक फलवान होते हैं, क्योंकि तीन लोक के नाथ परम तारक तीर्थंकर परमात्मा सदैव हमारे ऊपर कृपा दृष्टि बनाये रखते हैं। म.सा. ने कहा कि परमात्मा की पूजा से साधक का आध्यात्मिक, सामाजिक, भौतिक उन्नयन होता है। अंतकरण निर्मल बनता है। म.सा. ने कहा कि श्री शंखेश्वर पारसनाथ दादा की कृपा संघ के सभी भवनों पर सोलह कला से बरस रही है। सभी आत्मार्थ साधक प्रभु की भक्ति एवं प्रभु की आज्ञा का पालन कर जीवन को सफलता की ओर आगे बढायें, यही हमारी भावना है।
संघ के संचालक कैलाश भंडारी व अशोक कवाड़ ने बताया कि पार्श्व तप के बियासने का लाभ लीला देवी दिलीप भंडारी परिवार ने लिया। आज की सांकली आयंबिल अनिता देवी कवाड़ की रही। अधिष्ठायक देव मणिभद्रजी की आराधना संघ में चल रही है। सबको उनकी माला फेरनी चाहिए। नये मंदिर के निर्माण कार्य की देखरेख ताराचंद बडेरमुथा कर रहे हैं। उन्होंने आज साधुजी समलोच करवाया। म.सा. ने उनकी अनुमोदना की। प्रचार संयोजक जसराज देवड़ा धोका ने बताया कि गत 17 अगस्त को साध्वीवृंद के सानिध्य में ज्ञानवर्धक परीक्षा हुई जिसके परिणाम में सिद्धार्थ ढेलडिया ने प्रथम स्थान एवं श्रीपाल लुंकड, आर्यन लुंकड व प्रेमलता मधानी द्वितीय स्थान पर रहे। पायल प्रकाश ढेलडिया ने केसर कोठारी, देवी श्रीश्रीमाल, दिलीप भाई मधानी, ललिता लुंकड, चंदा जैन, पिंकी हुडिया, मीना बेन छाजेड, दीक्षिता जैन, ऋषि जैन और किशनलाल लुंकड को सांत्वना पुरस्कार दिये। प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों को भी संघ की ओर पुरस्कार राशि भेंट की गई। सकल संघ से प्रवचन में पधारने का आग्रह किया गया है।