गेमिंग क्षेत्र में कौशल विकास को प्रोत्साहन देने सरकार प्रतिबद्ध : संजय जाजू

एचआईसीसी में तीन दिवसीय इंडिया गेम डेवलपर कॉन्फ्रेंस आरंभ

हैदराबाद, एचआईसीसी नोवोटेल में तीन दिवसीय इंडिया गेम डेवलपर कॉन्फ्रेंस-2024 का शुभारंभ आज हुआ। सम्मेलन के 16वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में भाग लेते हुए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि गेमिंग क्षेत्र में कौशल विकास को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान के गठन के माध्यम से वीडियो गेमिंग क्षेत्र में कौशल विकास को व्यापक बढ़ावा दिया जाएगा।

संजय जाजू ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में गेमिंग एक उभरता हुआ उद्योग है। यहां इस उद्योग में आर्थिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। गेमिंग उद्योग और इसके भविष्य को आकार देने के लिए सरकार की अंतरदृष्टि और दृष्टिकोण साझा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और गेमिंग, एनीमेशन और संबंधित क्षेत्रों में लगे लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय उत्वफढष्टता केंद्र के रूप में भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना कर रही है। यह संस्थान पीपीपी मॉडल पर आधारित होगा। इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत में बड़े पैमाने पर उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभाओं को तैयार करने के लिए गेम डेवलपर असोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ काम करेगा, ताकि भारत को गेमिंग के क्षेत्र में वैश्विक रूप से अग्रणी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह संस्थान गेमिंग क्षेत्र की कौशल आवश्यकताओं का समर्थन करने और व्यक्तिगत नवप्रवर्तकों को एक त्वरक और इनक्यूबेटर के माध्यम से भविष्य के स्टार्टअप और उद्यम स्थापित करने में मदद करने के मामले में एक महत्वपूर्ण स्तंभ सिद्ध होगा। मुबंई में स्थापित होने वाले इस संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र भी होंगे। इसका एक क्षेत्रीय केंद्र हैदराबाद में संचालित किया जाएगा।

संजय जाजू ने कहा कि भारत आगामी फरवरी माह में विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा कि यह पूरे मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए सबसे बड़ा तथा हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य दुनिया के सामने भारतीय स्थानीय प्रतिभाओं को प्रदर्शित करते हुए संबधित क्षेत्र में वैश्विक निवेशकों को भारत लाना है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मीडिया और मनोरंजन उद्योग में भारत की हिस्सेदारी केवल 2 प्रतिशत है। जबकि इसमें 20 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से वफद्धि की पर्याप्त गुंजाइश है। संजय जाजू ने अवसर पर कहा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जल्द ही एक लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए लगभग 237 स्थानीय निजी एफएम रेडियो चैनलों की नीलामी करेगा। साथ ही इस महीने की 20 तारीख से शुरू होने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के उद्घाटन के अवसर पर प्रसार भारती का ओटीटी प्लेटफॉर्म भी लांच किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीडी फ्री डिश पर उपलब्ध लगभग 60 चैनल अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। अवसर पर संजय जाजू ने भारत में मौजूद प्रमुख वीडियो गेमिंग और इंटरैक्टिव मनोरंजन कंपनियों के संस्थापकों और सीएक्सओ एवं अन्य से मुलाकात की। उन्हेंने उद्योग प्रतिनिधियों द्वारा सरकार के संज्ञान में लाए गए विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।

गेम डेवलपर असोसिएशन ऑफ इंडिया (जीडीएआई) को भी आज आधिकारिक तौर पर लांच किया गया, जिसका उद्देश्य भारत के बढ़ते वीडियो गेमिंग और इंटरैक्टिव मनोरंजन उद्योग को एकीवफढत करना करते हुए उसे विकास के नए आयाम प्रदान करना है। जीडीएआई के अध्यक्ष श्रीधर मुप्पीदी ने अवसर पर कहा हमारा लक्ष्य उद्योग के विकास तथा प्रभावी नीति-निर्माण के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ रणनीतिक सहयोग करना है, ताकि भारत को गेमिंग क्षेत्र में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित किया जा सके। जीडीएआई की स्थापना भारत के वीडियो गेमिंग उद्योग के तेजी से विस्तार के परिप्रेक्ष्य में की गई थी, जो वैश्विक और स्थानीय वीडियो गेमिंग कंपनियों के लिए लगभग 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करता है। इस वफद्धि के बावजूद इस क्षेत्र को अपनी अलग पहचान, प्रतिभा निर्माण और कौशल पर नीति समर्थन और पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए वित्त पोषण समर्थन की कमी से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। वर्तमान में यह क्षेत्र कई विनियामक निकायों के अंतर्गत आता है। मनोरंजन सामग्री और मीडिया की देखरेख में भूमिका को देखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय गेमिंग उद्योग के लिए नोडल प्राधिकरण के रूप में काम करने के लिए सबसे उपयुक्त है।

एचआईसीसी नोवोटल में आयोजित आईजीडीसी के 16 वें संस्करण में दुनिया भर से गेमिंग विशेषज्ञ, गेमिंग डेवलपर्स और प्रकाशकों सहित छह हजार से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। 15 नवंबर तक चलने वाले इस आयोजन में उद्योग के विकास, नवाचार, स्थिरता, उत्वफढष्टता तथा उभरते हुए रुझानों आदि पर आधारित विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी।

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