जाल में न फँसे सरकारी कर्मचारी : रेवंत रेड्डी

हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक कारणों से सरकारी कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शन और धरने के लिए उकसा रहे हैं। अगर कर्मचारी उनकी जाल में फंस गए, तो अंतत: ऩुकसान कर्मचारियों को ही होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि समस्याओं के समाधान के लिए कर्मचारियों को धरना-प्रदर्शन करने की कोई जरूरत नहीं है। बातचीत से ही समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। आपकी समस्याएं सरकार को बताएं और हम समाधान के लिए आवश्यक कदम उठायेंगे। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि यह सरकार आपकी समस्याओं को समझेगी और समाधान करेगी।

रेवंत रेड्डी ने आज सचिवालय में तेलंगाना गेजिटेड अधिकारी संघ के नव वर्ष 2025 डायरी और कैलेंडर का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का, सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, सड़क व भवन मंत्री कोमटीरेड्डी वेंकट रेड्डी, सीएम के सलाहकार वेम नरेंदर रेड्डी, विधायक नायनी राजेंदर रेड्डी, अड्लूरि लक्ष्मण, पीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ और अन्य उपस्थित थे।

इस मौके पर रेवंत रेड्डी ने कहा कि हमारी सरकार कठिन समय में कार्यभार संभाला है। सत्ता में आने के तुरंत बाद तेलंगाना की जनता के लिए काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को हर महीने की पहली तारीख को वेतन देने के लिए कदम उठाया गया। कुछ समस्याएं हैं। अनुमान के अनुसार सरकार को राजस्व न मिलने के कारण कुछ समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। सरकार का राजस्व हर महीने 18,500 करोड़ है, जो सरकार की जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं है। सब कुछ ठीक से चलाने के लिए 30 हजार करोड़ की जरूरत है। सरकारी कर्मचारियों के वेतन और अन्य जरूरतों के लिए राजस्व में 6,500 करोड़ खर्च हो रहे हैं। हर महीने 6,500 करोड़ कर्ज चुकाने की नौबत है। ऐसी स्थिति में शेष 5,500 करोड़ में कल्याणकारी योजनाएं लागू करना होगा। न्यूनतम आवश्यकताओं के लिए प्रति महीने कम-से-कम 22,500 करोड़ की जरूरत है। प्राप्त हो रही आय से 4,000 करोड़ कम पड़ रहे है।

इस मौके पर रेवंत रेड्डी ने कहा कि पिछले दस वर्षों में प्रशासन भ्रष्ट हो गया था। सत्तासीन होने के बाद से हमने प्रशासन को बहाल करने का प्रयास शुरू किया। सरकारी कर्मचारी ही जनता का कल्याण और विकास करते हैं। एक वर्ष में हमारी सरकार ने राज्य में सामाजिक परिवर्तन लाया और आर्थिक बदलाव लाने में कुछ और समय लगेगा। उन्होंने कहा कि राजस्व को पारदर्शिता से खर्च करने के लिए सरकारी कर्मचारी सुझाव देंगे, तो सरकार उसे मानेगी। हर महीने सरकारी राजस्व में 4,000 करोड़ की बढ़ोतरी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के उपाय किया जाना चाहिए कि कल्याणकारी योजनाएं असली लाभार्थियों तक पहुंचे। यह सरकार हम सभी की है। राजस्व बढ़ाना औक बढ़े हुए राजस्व का वितरण करना भी कर्मचारियों के हाथ में है। सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए कर्मचारियों की मदद की जरूरत है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आउटसोर्सिंग और ठेका कर्मचारियों को नियमित करना चाहती हैं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि यह नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सर्वा शिक्षा अभियान केंद्र सरकार की योजना है। इसमें कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की कोई संभावना नहीं है। यदि नियमों के विरुद्ध नियमितीकरण किया जाता है, तो अदालतों में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। संभावना नहीं होने पर भी नियमितीकरण पर जोर दिया जाता है, तो समस्या का समाधान नहीं बल्कि और जटिल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार आपकी समस्याओं का यथासंभव समाधान करेगी। उन्होंने भरोसा देते हुए कहा कि सरकार ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे आपको परेशानी या नुकसान हो।

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