सतत विकास को नवाचार व समावेशिता से जोड़ रही है सरकार : श्रीधर बाबू

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हैदराबाद, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने कहा कि सरकार राज्य के सतत आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सुशासन, नवाचार और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करके राज्य के विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मंत्री श्रीधर बाबू शुक्रवार को हैदराबाद में सीआईआई द्वारा आयोजित संवाद सत्र के दौरान दक्षिणी क्षेत्र के उद्योग जगत के दिग्गजों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में विकास तीन स्तंभों – तकनीकी विकास, क्षेत्रीय रिंग रोड और नेट ज़ीरो भारत फ्यूचर सिटी पर आधारित है।

इनका निर्माण सतत विकास के उपायों के साथ किया जाएगा। 20,000 एकड़ में प्रस्तावित नेट ज़ीरो भारत फ्यूचर सिटी में मुख्य रूप से पर्यावरण के अनुकूल उद्योग होंगे और यह भविष्य के विकास को गति देगा। तेलंगाना डेटा एक्सचेंज के माध्यम से राज्य सरकार वास्तविक समय के आधार पर डेटा ट्रैक कर रही है।

मंत्री ने आकांक्षा और उपलब्धि के बीच की खाई को पाटने में सीआईआई की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि एआई उद्योग के विकास और लोगों के जीवन को नए सिरे से परिभाषित करने में सीआईआई प्रमुख भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षा यह सुनिश्चित करना है कि तेलंगाना 2035 तक एक ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फार्मा कंपनियों को कॉलेजों में अपने इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

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तेलंगाना में कौशल विकास और एआई नवाचार को बढ़ावा

तेलंगाना एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ आईटीआई के छात्रों को नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रमुख फोकस क्षेत्र कौशल विकास है और आईटीआई और उन्नत प्रशिक्षण केंद्रों (एटीसी) का रूपांतरण राज्य सरकार द्वारा 400 करोड़ रुपये और टाटा समूह द्वारा 2000 करोड़ रुपये के निवेश से किया जा रहा है। राज्य सरकार एक एआई इनोवेशन हब और एआई विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बना रही है, जिससे युवाओं और आईटी कर्मचारियों के कौशल विकास और पुनर्कौशल में वृद्धि होने की उम्मीद है।

उद्योग मंत्री ने आगे कहा कि तेलंगाना विश्वसनीय निवेश गंतव्य है, जहाँ स्थिरता विकास को गति प्रदान कर रही है। उन्होंने दक्षिणी क्षेत्र के उद्योगपतियों का राज्य में निवेश करने और दीर्घकालिक समृद्धि के उद्देश्य से भागीदार बनने के लिए स्वागत किया। उन्होंने सरकार की परामर्शदात्री समिति के गठन के सीआईआई के सुझाव पर सहमति व्यक्त की, जहाँ उद्योग संबंधी मुद्दों पर त्वरित कार्यवाही की जा सके।

सत्र के दौरान मंत्री श्रीधर बाबू और वरिष्ठ उद्योगपतियों द्वारा तेलंगाना पर पुस्तिका और तेलंगाना-ऊर्जा परिवर्तन को अपनाने पर रिपोर्ट का विमोचन किया गया। बैठक की अध्यक्षता सीआईआई दक्षिणी क्षेत्र के अध्यक्ष और मुथुट फिनकॉर्प लिमिटेड के अध्यक्ष थॉमस जॉन मुथुट ने की। अवसर पर सीआईआई दक्षिणी क्षेत्र के उपाध्यक्ष और डैनफॉस इंडिया के अध्यक्ष रविचंद्रन पुरुषोत्तमन, सीआईआई तेलंगाना के अध्यक्ष और राचमल्लू फोर्जिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शिवप्रसाद रेड्डी राचमल्लू के अलावा दक्षिण भारत के 80 से अधिक शीर्ष उद्योगपति उपस्थित थे।

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