मूसी पुनरुद्धार पर सरकार दे स्पष्टीकरण : के. कविता

हैदराबाद, बीआरएस ने आज मूसी रिवरफ्रंट पुनरुद्धार परियोजना के मुद्दे पर विधान परिषद को गुमराह करने के लिए कांग्रेस सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। इस संदर्भ में विधान परिषद में मीडिया प्वाइंट पर बोलते हुए बीआरएस एमएलसी के. कविता ने सरकार पर मूसी परियोजना के मुद्दे पर सदन को गुमराह करने और तथ्यों को छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कल प्रश्नकाल के दौरान विधायी मामलों के मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने सदन को सूचित किया कि परियोजना के लिए कोई विस्तफत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार नहीं की गई है और ना ही मूसी की साफ-सफाई या सौंदर्यीकरण के लिए विश्व बैंक से धन के लिए प्रस्ताव रखा गया, जबकि तथ्य यह है कि सरकार ने इस परियोजना के लिए धन के लिए विश्व बैंक से संपर्क किया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा विश्व बैंक को सौंपे गए प्रस्ताव से संबंधित दस्तावेज पेश करते हुए कहा मूसी रिवरफ्रंट परियोजना के लिए एक डीपीआर तैयार करते हुए त्रण मांगा गया। के. कविता ने कहा कि कांग्रेस सरकार मूसी परियोजना के मुद्दे पर सदन और तेलंगाना के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सितंबर में पश्चिम बंगाल को बताया था कि उसने डीपीआर तैयार कर लिया है, लेकिनबीआरएस के परिषद में डीपीआर के बारे मे पूछने पर बताया गया कि इसे अभी तक तैयार नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी शुरू से ही मूसी परियोजना पर अपना रुख बदलते रहे हैं। अब उनके कैबिनेट सहयोगी भी परियोजना के बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को विधानसभा में मूसी नदी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। साथ ही इस बात से भी अवगत कराना चाहिए कि यह परियोजना लोगों के लिए है या रियल एस्टेट कंपनियों के लिए है। उन्होंने कहा कि बीआरएस को उम्मीद है कि सरकार विशेषाधिकार प्रस्ताव का जवाब देते हुए मूसी परियोजना से जुड़े सभी तथ्य विधानसभा में रखेगी।

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