विधानसभा परिसर में ज्योतिबा फुले की प्रतिमा स्थापित करे सरकार : कविता

हैदराबाद, भारत राष्ट्र समिति (भारास) विधान परिषद सदस्य व तेलंगाना जागृति संस्थापक कल्वाकुंट्ला कविता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश में कराई जाने वाली जनगणना में जातिगत जनगणना भी कराई जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सरकार से विधानसभा परिसर में समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा स्थापित करने की मांग उन्होंने की।

तेलंगाना जागृति के तत्वावधान में विभिन्न बीसी संघों के साथ मिलकर इंदिरा पार्क धरना चौक पर आयोजित बीसी महासभा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कविता ने कहा कि कांग्रेस नीत पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय वर्ष 2011 में कराई गई जनगणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बाद में बनी भाजपा सरकार ने भी उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया बल्कि भाजपा ने तो जातिगत जनगणना कराने से ही साफ मना कर दिया। इस बयान पर अडिग रहते हुए चुनौती भरे लहजे में उन्होंने कहा कि यदि गलत साबित कर दिया गया तो राजनीति से हमेशा के लिए सन्यास ले लेंगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा पिछडा वर्ग को नीची नजर से देखते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासन में ही बीसी वर्ग के साथ अन्याय हुआ है बल्कि राजीव गांधी ने तो इतना तक कहा था कि पिछडा वर्ग को आरक्षण देने पर देश छिन्न भिन्न हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट सौंपी गई तब कांग्रेस ने रिपोर्ट को अमल करने के बजाए ठंडे बस्ते में डाल दिया। तत्पश्चात गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की सरकार ने रिपोर्ट पर अमल किया तो भाजपा ने पिछडा वर्ग के लिए काम कर रही वी.पी सिंह सरकार को गिरा दिया। उन्होंने कहा कि संविधान बनाते समय ही यदि पिछडा वर्ग को संवैधानिक संरक्षण दिया जाता तो भारत देश विकास के मामले में अमेरिका को भी पछाड़ देता। उन्होंने पिछडा वर्ग को संवैधानिक संरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन किए जाने की आवश्यकता जताई और कहा कि इसके लिए पिछडा वर्ग को लंबा आंदोलन करना पडेगा।

सावित्रीबाई फुले की जयंती आधिकारिक तौर पर महिला अध्यापिका दिनोत्सव के रूप में मनाने संबंधी मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश का खुद श्रेय लेते हुए कविता ने कहा कि बीसी संघों के साथ मिलकर उनके (कविता के) द्वारा आंदोलन किए जाने के कारण ही सरकार ने निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि जागृति द्वारा किए जा रहे आंदोलनों के कारण ही जंग लग चुके सरकार के रथचक्र हरकत करने लगे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कामारेड्डी में जो बीसी डिक्लेरेशन जारी करके वादे किए थे उन्हें यथावत अमल करे, वहीं पिछड़ा वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं या फिर बीसी वर्ग की जितनी जनसंख्या है उतना हिस्सा तय करके चुनाव में जाएं।

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के दस साल के शासन व कांग्रेस के 1 साल के शासन में पिछड़ा वर्ग के लिए क्या किया गया, इस पर सार्वजनिक चर्चा के लिए आने की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करते हुए कविता ने कहा कि कहीं भी, किसी भी समय, किसी भी सेंटर पर चर्चा के लिए आने वे तैयार हैं। अवसर पर विधान परिषद के पूर्व चेयरमैन स्वामी गौड, करीमनगर जिला परिषद की पूर्व चेयरपर्सन तुला उमा, करीमनगर पूर्व महापौर सरदार रवींदर सिंह, भारास नेता गट्टू रामचंद्रराव, मुठा जयसिम्हा, पल्ले रवि कुमार, गड्डम श्रीनिवास यादव, किशोर गौड, मठम भिक्षपति के अलावा भारी संख्या में बीसी संघों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
(विकास जगताप)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button