हैदराबाद, फीलखाना स्थित महावीर भवन में श्री महावीर स्वामी जैन श्वेतांबर चातुर्मास व्यवस्था समिति के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मासिक धर्मसभा को संबोधित करते हुए पूज्य कनकप्रभाजी म.सा आदि ठाणा के सनिध्य में ज्ञान पंचमी की आराधना की गई। यहां चातुर्मास समिति के उत्तम संकलेचा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पूज्यश्री ने कहा कि आज के दिन माता सरस्वती का जाप बडे ही उत्साह और उमंग से करना चाहिए। आज के दिन हमें मौन रूपी आराधना व्रत रखकर करनी चाहिए।
पूज्य संवर बोधिश्रीजी ने कहा कि हमें ज्ञान की आराधना गुरु के प्रति समर्पित भाव से करनी चाहिए। म.सा. ने गीतिका प्रस्तुत की और उसके बाद हैदराबाद की दीक्षित गुरुवर्या शौर्य बोधिश्रीजी ने ज्ञान के बारे में अपनी विशेष शैली में धर्मसभा को संबोधित किया। राजनांदगांव से सौरभ बैद एवं कंचन बाई वैद गुरुवर्या के दर्शन वंदन हेतु पधारे, जिनका चातुर्मास व्यवस्था समिति द्वारा बहुमान किया गया।
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लाभार्थी संकलेचा परिवार का बहुमान और आभार व्यक्त
गुरुवर्याश्री ने साधर्मिक भक्ति के लाभार्थी मोहिनीदेवी भंवरलाल संकलेचा रायसोनी परिवार की अनुमोदना करते हुए कहा कि यह परिवार धर्ममयी और जिनशासन के प्रति समर्पित है और चातुर्मास के दौरान हर धार्मिक क्रियाओं के प्रति जुड़े रहे। वर्षीतप आराधकों की ओर से इस लाभार्थी परिवार का विशेष बहुमान किया गया। साधु साध्वी भगवंत की सेवा समर्पण भाव से करते रहे। प्रवचन के दौरान लाभार्थी परिवार का चातुर्मास व्यवस्था समिति द्वारा बहुमान कर अभिनंदन पत्र प्रदान किया गया।
चातुर्मास संयोजक हस्तीमल हुंडिया ने लाभार्थी परिवार की अनुमोदना करते हुए कहा कि धर्मनिष्ठ परिवार आगे भी कोई धर्म रूपी कार्य में अपना योगदान जरूर प्रदान करें। पूरे परिवार का समिति आभार व्यक्त करती है। अभिनंदन पत्र का वाचन युवा परिषद के अध्यक्ष रमेश पारख ने किया। कार्यक्रम के पश्चात मांगलिक के बाद गुरुवर्याश्रीजी ने ज्ञान पंचमी की पूरी क्रिया संकल संघ को करवाई। लाभार्थी परिवार से राजकुमार संकलेचा ने सेवा प्रदान करने वालों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन उत्तम संकलेचा ने किया।
