उच्च न्यायालय ने हैद्रा आयुक्त को दिया अदालत में हाजिर होने का आदेश

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हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बतुकम्माकुंटा परिधि में एक निजी भू-विवाद पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेशों का उल्लंघन करने के मामले में हैद्रा आयुक्त ए.वी. रंगनाथ को नोटिस जारी कर 27 नवंबर को सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए। उच्च न्यायालय ने गत 12 जून को यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए थे और भूमि में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए था। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य और जस्टिस बी.आर. मधुसूदन राव की खण्डपीठ ने अवमानना की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किए।

सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा पेश की गई तस्वीरों की जाँच की जाए, तो यह स्पष्ट होगा कि विवादित भू-स्थल पर अधिकांश कार्य 12 जून से 5 अक्तूबर तक किया गया। जबकि अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए थे। इस आदेश के चलते विवादित स्थल का स्वरूप ही बदल दिया गया। खण्डपीठ ने स्पष्ट करते हुए कहा कि निर्माण कार्य से संबंधित शिलापट्टिका पर स्पष्ट रूप से लिखा गया कि बतुकम्माकुंटा का विकास हैद्रा द्वारा 5 अक्तूबर तक किया गया था।

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अदालत के आदेशों की अवहेलना पर ए.वी. रंगनाथ को नोटिस

खण्डपीठ ने कहा कि पेश की गई तस्वीरों से स्पष्ट है कि आदेश के बावजूद निर्माण कार्य प्रारंभ किए गए। खण्डपीठ ने आगे कहा कि बतुकम्माकुंटा का डिजाइन निजी एजेंसियों विमोस टेक्नो क्रेट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था, लेकिन यह स्पष्ट है कि एनपीआर इफ्राटेक ने इसका निर्माण कार्य शुरू किया था। अदालत ने यह भी कहा कि तस्वीरों की जाँच की जाए, तो स्थल में परिवर्तन और अन्य कार्य किए गए दिख रहा है।

खण्डपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया स्पष्ट प्रमाण है कि अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया गया। खण्डपीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले न्यायालय की अवमानना के दोषियों की व्यक्तिगत उपस्थिति के संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। तथ्यों की जाँच के बाद खण्डपीठ ने यह निष्कर्ष निकाला कि वर्तमान मामले में छूट नहीं दी जा सकती है। इस कारण अदालत ने हैद्रा आयुक्त ए.वी. रंगनाथ को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बताने के लिए नोटिस जारी किया कि न्यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए। इस आदेश के साथ मामले की सुनवाई 28 नवंबर तक स्थगित कर दी गई।

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