भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान में हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न
हैदराबाद, सीएसआईआर-राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान में हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह एस. बी. हॉल में संपन्न हुआ। अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय मांगलिक ने की। मुख्य अतिथि के रूप में भारत-लंका सहयोग मंडली के निदेशक बालवेंकटेश्वर राव संकुरात्रि उपस्थित थे। उन्होंने ‘वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्राचीन ग्रंथों का अनुशीलन – रामायण के संदर्भ में’ पर व्याख्यान दिया।
डॉ. अजय मांगलिक ने सरल एवं सुबोध हिन्दी में रामायण का विश्लेषण किया। डॉ. अजय मांगलिक ने हिन्दी पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आप, हम और सब मिलकर राजभाषा के माध्यम से सोचें, संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए हिन्दी का प्रयोग भरपूर करें।
हिन्दि पखवाड़ा: प्रशासनिक कार्य में प्रयोग आवश्यक
केंद्र सरकार के कमी होने के कारण हिन्दी में कार्य करना हमारा संवैधानिक दायित्व है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि अनुभाग-प्रभागों में अपस में बात करते समय या आधिकारिक वार्तालाप करते समय हिन्दी में प्रयत्न करें। वर्तमान में यदि राजभाषा में काम करने के लिए हर कोई मन बनाए, तो हमारे सामने संसाधनों की कमी नहीं है। कई डिजिटल उपकरण उपलब्ध हैं।
संस्थान प्रशासन नियंत्रक अंटेनी पीटर राजा ने कहा कि हिन्दी पखवाड़े के दौरान संस्थान में बीते पंद्रह दिनों में विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल भाषा नहीं, बल्कि संस्कृति और राष्ट्रीय एकता की धुरी है। आज विश्व पटल पर हिन्दी अपनी पहचान बना रही है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि नई पीढ़ी पूरे आत्मविश्वास के साथ हिन्दी में विचार व्यक्त कर रही हैं।
पखवाड़े के माध्यम से हमने अनुभव किया कि संस्थान के कर्मचारी हिन्दी को पूरी क्षमता से प्रयोग कर सकते हैं। हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम प्रशासनिक कार्य में हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे। उन्होंने संस्थान में नवनियुक्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों से अनुरोध किया कि दैनिक प्रशासनिक कार्य अधिक से अधिक हिन्दी में करें। हिन्दी में काम करना नैतिक दायित्व के साथ हमारा संवैधानिक दायित्व भी है। उन्होंने सभी निर्णायकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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उपमुख्य वैज्ञानिक द्वारा हिन्दी व्याख्यान एवं पुरस्कार
पखवाड़े के दौरान आयोजित आंतरिक हिन्दी व्याख्यान कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अजय मांगलिक ने सरल हिन्दी में भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा: टेथिस महासागर से हिमालय तक शीर्षक व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी में काम करने के लिए सकारात्मक मानसिकता की आवश्यकता है, क्योंकि आजकल सभी काम एआई द्वारा कराए जा रहे हैं।
हिन्दी के काम को भी उसी के जरिए कराया जा सकता है। उन्हें केवल प्रयास करने और सीखने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में हिन्दी का उज्ज्वल भविष्य देखा जा सकता है। उन्होंने उपस्थित वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वह तकनीकी काम में हिन्दी को भी स्थान दें और हिन्दी में साहित्य सृजन करें।
समारोह में पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं और उनके परिवार के सदस्यों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान की शोध छात्रा संचारी बैनर्जी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। मुख्य अतिथि का परिचय तथा संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक एवं अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी पखवाड़ा आयोजन समिति के संस्थान के वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी चि.वें. सुबाराव ने किया। पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का समन्वयन एवं संचालन संस्थान के वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी चि.वें. सुबाराव ने किया।
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