सम्मक्का सारलम्मा मंदिर में हुंडी चढ़ावा हुआ डिजिटल
हैदराबाद, राज्य सरकार जनवरी 2026 में मेडारम में द्विवार्षिक सम्मक्का सारलम्मा महाजातरा के भव्य आयोजन की तैयारी कर रही है। इसी क्रम में मंदिर प्रशासन भक्तों को हुंडी चढ़ावा डिजिटल रूप से देने की सुविधा प्रदान कर रहा है। चूँकि हुंडी में रखे नोटों को गिनना मंदिर के लिए एक बोझिल प्रक्रिया बन गई है, इसलिए इस बार मंदिर ने हुंडी चढ़ावे के रूप में डिजिटल भुगतान स्वीकार करने की सुविधा शुरू की है।
मंदिर के आसपास विभिन्न स्थानों पर क्यूआर कोड स्टिकर लगाए गए हैं ताकि भक्त नोटों के बजाय हुंडी में चढ़ावे के रूप में स्कैन करके पैसे दान कर सकें। इसकी पुष्टि करते हुए सम्मक्का सारलम्मा जातरा आदिवासी पुजारी संघ के अध्यक्ष सिद्धबोइना जग्गा राव ने कहा कि इस कदम से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। भीड़ में हुंडी ढूँढ़ने के बजाय भक्त क्यूआर कोड स्कैन करके पैसे दान कर सकते हैं।
राव ने बताया कि सप्ताहाँत और पूर्णिमा के दिन मंदिर में 10 से 15 लाख रुपये तक का हुंडी चढ़ावा आएगा। उन्होंने बताया कि मुख्य उत्सव के दौरान चढ़ावा लाखों में होगा। उन्होंने बताया कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और आसपास के राज्यों के कई हिस्सों से श्रद्धालु जत्था के दौरान मंदिर में आते हैं और देवी सम्मक्का और सारलम्मा का आशीर्वाद लेते हैं। जत्था एशिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है।
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मुगुलु जिला प्रशासन जत्था के सफल आयोजन के लिए व्यापक प्रबंध कर रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी द्वारा मंदिर में कार्यों की समीक्षा के लिए किए गए दौरे के बाद से कार्य तेजी से चल रहे हैं। उन्होंने सम्मक्का-सारलम्मा मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान का भी अनावरण किया था। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करना है।
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