हैदराबाद : उत्तम ने कालेश्वरम पर लगाया चावल की खेती में रिकॉर्ड के बावजूद आरोप
हैदराबाद, तेलंगाना के भारी सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना ने देश में सबसे अधिक चावल उत्पादन करने वाले राज्य के रूप में रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि चावल की खरीदी भी जल्द ही प्रारंभ होगी। हनमकोंडा में मंत्री सीतक्का के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्तम ने कहा कि कालेश्वरम परियोजना भले ही बेकार हो गई, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद तीसरी फसल में भी भारत में सबसे अधिक चावल उत्पादन करने वाले राज्य का रिकॉर्ड बनाया।
इस सीजन में राज्य भर में 108.5 लाख मेट्रिक टन धान की कटाई हो रही है, जिसमें से तेलंगाना सरकार 80 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदने जा रही है। भारत के किसी भी राज्य ने अब तक इतना चावल नहीं खरीदा है। उन्होंने कहा कि भारत के शासनकाल में गोदावरी और कृष्णा जल के मामले में तेलंगाना राज्य के साथ बहुत अन्याय हुआ। केसीआर सरकार ने ही बंकाचर्ला परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जिसके तहत आंध्र-प्रदेश सरकार 511 टीएमसी कृष्णा जल ले सकती है और तेलंगाना को केवल 299 टीएमसी जल मिलेगा।
उत्तम ने कहा कि कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में अपने जल के अधिकारों की रक्षा के लिए आगे बढ़ रही है। उन्होंने पूर्व मंत्री हरीश राव द्वारा जल बंटवारे को लेकर लगाए गए आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार यहीं झूठ कहा गया है कि वे कर्नाटक में अलमट्टी बाँध की ऊँचाई बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस का तर्क यह है कि कृष्णा नदी का 70 प्रतिशत जल तेलंगाना को आवंटित किया जाना चाहिए। उत्तम ने हरीश राव पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें किसी को भी बदनाम करने की आदत छोड़ देनी चाहिए।
कांग्रेस, तेदेपा और भाजपा में जल विवाद पर कड़ा विरोध
उत्तम ने स्पष्ट किया कि तेलंगाना सरकार और कांग्रेस पार्टी इस परियोजना के खिलाफ है और अलमट्टी परियोजना की ऊँचाई बढ़ाने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। भले ही कर्नाटक में कांग्रेस, आंध्र-प्रदेश में तेदेपा और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकारें हो, तेलंगाना अपने जल अधिकारों से समझौता नहीं करेगा। कांग्रेस सरकार तेलंगाना के हितों के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एक मंत्री के रूप में कृष्णा और गोदावरी नदियों के जल पर तेलंगाना के अधिकारों की रक्षा के लिए पूर्णप्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।
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इसके साथ ही केंद्र, न्यायाधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष इस मामले को लेकर तेलंगाना की दलीलों को बहुत प्रभावी ढंग से रखा गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि समझौते के तहत पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर और पूर्व मंत्री हरीश राव ने लिखित रूप से वादा किया था कि कृष्णा नदी से तेलंगाना को 10 वर्षों के लिए 299 टीएमसी और आंध्र-प्रदेश को 512 टीएमसी जल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में भारास की सरकार ने केवल कालेश्वरम परियोजना बनाई, जो तीन साल में ही बह गई।
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