सपना जी रहा हूँ : भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश
सिंगापुर, भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने बृहस्पतिवार को यहाँ 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद कहा कि मैं बस अपना सपना जी रहा हूँ। गुकेश ने उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अपनी अविश्व्सनीय जीत के बाद मितभाषी गुकेश ने कहा कि मैं पिछले 10 साल से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला।
उन्होंने कहा कि मैं थोड़ा भावुक हो गया था, क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नही था, लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। गुकेश ने कहा कि मैं छह-सात साल की उम्र से ही इस पल का सपना देख रहा था और इसे जी रहा था। हर शतरंज खिलाड़ी इस पल को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूँ। मैं कैंडिडेट्स से चैंपियनशिप तक के सफर के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। दुनिया के सर्वश्रेष् खिलाड़ियों में से एक बनने का उनका सपना तब शुरू हुआ जब उन्होंने 2013 में चेन्नई में अपने आदर्श विश्वनाथन आनंद और नॉर्वे के महान शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व चैंपियनशिप मैच देखा।
उन्होंने कहा कि 2013 में जब मैंने मैग्नस कार्लसन और विश्व चैंपियनशिप मैच में विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को देखा तो मुझे लगा कि एक दिन ग्लास रूम के अंदर होना बहुत अच्छा होगा और वास्तव में वहाँ बैना और अपने बगल में भारतीय ध्वज को देखना शायद सबसे अच्छा पल होगा।