मन की बात में मोदी का धार्मिक समागम से नफरत खत्म करने का आग्रह
एकता का महाकुंभ
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महाकुंभ को एकता का महाकुंभ बताया और लोगों से इस आगामी भव्य धार्मिक समागम से समाज से नफरत और विभाजन को खत्म करने के संकल्प के साथ लौटने का आग्रह किया।
मोदी ने अपने मासिक मन की बात कार्यक्रम में कहा कि महाकुंभ का संदेश एक हो पूरा देश। उन्होंने कहा कि गंगा की अविरल धारा, न बनते समाज हमारा। उन्होंने प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से आयोजित इस समागम में शामिल होने वाले लोगों की विविधता के मद्देनजर कहा कि विविधता में एकता के ऐसे दृश्य का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की विशेषता न केवल इसकी विशालता बल्कि इसकी विविधता में भी है।
यह विशाल धार्मिक आयोजन हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं और संत, हजारों परंपराएँ, सैकड़ों संप्रदाय और कई अखाड़े इसका हिस्सा बनते हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत, हजारों परंपराएँ, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है। कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है, कोई बड़ा नहीं होता है, कोई छोटा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। इसलिए हमारा कुंभ एकता का महाकुंभ भी होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार का महाकुंभ एकता के महाकुंभ के मंत्र को और मजबूत करेगा, जब हम कुंभ में भाग लें, तो एकता का संकल्प भी साथ लेकर चलें। समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का संकल्प भी लें। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आयोजन में पहली बार एआई चैटबॉट का इस्तेमाल किया जाएगा और डिजिटल नेविगेशन (दिशा सूचक प्रणाली) की सुविधा से लोगों को अलग-अलग घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुँचने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एआई चैटबॉट के जरिए महाकुंभ से जुड़ी जानकारी 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2015 से 2023 के बीच देश में मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 80 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि असम के जोरहाट के चाय बागानों में चार साल पहले तक मलेरिया चिंता का प्रमुख कारण हुआ करता था, लेकिन मच्छर जनित इस बीमारी के खिलाफ मुहिम में लोगों की भागीदारी से इसके उन्मूलन में कामयाबी मिली है। (भाषा)