किसानों को सशक्त बनाने भारत का पहला एफपीओ फाइंडर

हैदराबाद, देश की प्रमुख कृषि-श्रृंखला प्रवर्तक समुन्नति ने राष्ट्रीय किसान उत्पादक संगठन संघ (एनएएफपीओ) के सहयोग से भारत का पहला ऑनलाइन एफपीओ विश्वकोष भारत एफपीओ फाइंडर लांच किया। यह देश का पहला डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा है, जिसे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए व्यापक विश्वकोष के रूप में काम करने के लिए तैयार किया गया है।

एचआईसीसी नोवोटेल में समुन्नति के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर भारत एफपीओ फाइंडर को शुरू किया गया। इसमें देशभर से 42,000 से अधिक एफपीओ सूचीबद्ध हैं। इस मंच का उद्देश्य किसानों, शोधकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों और हितधारकों को महत्वपूर्ण डेटा के साथ सशक्त बनाना, एफपीओ का प्रसार क्षेत्र बढ़ाना और भारत के कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करना है। अवसर पर भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण अतिरिक्त सचिव फैज अहमद किदवई ने कहा कि भारत की बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए बदलती जलवायु के अनुकूल होने की क्षमता को जोड़कर ही भारतीय कृषि के भविष्य को देखा जा सकता है। किसानों का आर्थिक और पर्यावरणीय कल्याण सुनिश्चित करते हुए बड़े पैमाने पर टिकाऊ प्रथाओं को लागू करने की शक्ति को बढ़ावा देकर एफपीओ इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जलवायु-अनुकूल कृषि के लिए वित्तपोषण में तेजी लाते हुए समावेशी, लचीले कृषि क्षेत्र की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ए.वी. भवानी शंकर ने भारत में एफपीओ को बाजार से जोड़कर उन्हें सक्षम और सशक्त बनाने वाली स्थायी कृषि प्रथाओं के लिए समुन्नति की सराहना की। उन्होंने घोषणा की कि नाबार्ड भारत को स्थायी कृषि पद्धतियों और भारतीय खेतों से बाजार तक विश्व स्तरीय उत्पादों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए स्थिरता और जलवायु अनुकूल एफपीओ विनियमन पर काम कर रहा है। समुन्नति के निदेशक प्रवेश शर्मा ने बताया कि भारत एफपीओ फाइंडर एफपीओ के लिए भारत के गूगल के रूप में काम करेगा। यह प्लेटफॉर्म भारत की पहली डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पहल है, जो भारत के एफपीओ को डिजिटल छत के नीचे लाती है। यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को विभिन्न मानदंडों जैसे स्थान, उगाई गई फसलें, दी जाने वाली सेवाएँ और बाज़ार संपर्क के आधार पर एफपीओ की खोज करने में सहयोग प्रदान करेगा।

सीईओ और संस्थापक अनिल कुमार एसजी ने कहा कि कृषि में डिजिटल परिवर्तन हो रहा है। कृषि उत्पादन, बाज़ार पहुँच और वित्त में पैमाने हासिल करने के लिए छोटे और सीमांत किसानों को एकत्रित करने में एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह प्लेट़फॉर्म उन हितधारकों से जुड़ने की उनकी क्षमता को मजबूत करेगा। समारोह में जलवायु-स्मार्ट कृषि (सीएसए) के वित्त पोषण पर महत्वपूर्ण श्वेत पत्र भी जारी किया गया। इस पत्र में जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों के लिए वित्तपोषण में तेजी लाने की रणनीतियों की रूपरेखा दी गई है। इसमें सीएसए में निजी निवेश को बढ़ावा देने और जलवायु शमन और अनुकूलन प्रौद्योगिकियों में वित्तपोषण अंतराल के समधान की सिफारिशें शामिल हैं। अनिल कुमार ने बताया कि नाबार्ड ने समुन्नति के दृष्टिकोण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देशभर में विश्व स्तरीय एफपीओ बनाने के लिए प्रेरित किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button