संभल कुआँ विवाद में यथास्थिति के निर्देश

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने उत्तर-प्रदेश सरकार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और अन्य प्राधिकारियों से संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के निकट स्थित निजी कुएँ को लेकर कोई कदम नहीं उाने का निर्देश दिया।

शाही जामा मस्जिद, संभल की प्रबंधन समिति की याचिका पर विचार करते हुए प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पी ने केंद्र सरकार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक, संभल के जिला मजिस्ट्रेट और हरि शंकर जैन के नेतृत्व में हिन्दू पक्ष से जुड़े व्यक्तियों को नोटिस जारी किए। पी ने कहा, नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब 21 फरवरी को देना होगा। इस बीच, प्रतिवादियों को दो सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। प्रतिवादी कुएँ के संबंध में किसी भी नोटिस पर अमल न करें। मस्जिद समिति ने एक नई याचिका में कहा कि संभल जिला प्रशासन शहर में पुराने मंदिरों और कुओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक कथित अभियान चला रहा है। याचिका के मुताबिक, खबरों से पता चला है कि कम से कम 32 पुराने अप्रयुक्त मंदिरों को बहाल किया गए है और 19 कुओं को सार्वजनिक उपयोग व प्रार्थना के लिए चिह्नित किया गए है।

याचिका में कहा गए है, जिला प्रशासन द्वारा बहाल किए जाने वाले कुओं की सूची में मस्जिद परिसर में स्थित एक कुआं भी शामिल है। याचिका में संभल जिला मजिस्ट्रेट को मस्जिद के प्रवेश द्वार के पास स्थित निजी कुएँ को लेकर यथास्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश देने तथा उच्चतम न्यायालय की अनुमति के बिना भविष्य में कोई भी कार्रवाई न करने देने का अनुरोध किया गया था। कुआँ आंशिक रूप से मस्जिद परिसर के अंदर और आंशिक रूप से बाहर बताया जा रहा है। (भाषा)

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