सस्टेनेबल नैनोबायोटेक्नोलॉजी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
हैदराबाद, सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर वूमेन, बेगमपेट के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी, ओहियो, यूएसए के सहयोग से आज सस्टेनेबल नैनोबायोटेक्नोलॉजी : एक पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सम्मेलन में नैनोबायोटेक्नोलॉजी के माध्यम से स्थायी समाधान तलाशने के लिए अग्रणी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योग के पेशेवरों को एक साथ लाया गया। सम्मेलन का उद्घाटन कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. उमा जोसेफ ने किया। उन्होंने महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए नैनोटेक्नोलॉजी की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों से ऐसे अभिनव शोध को आगे बढ़ाने का आग्रह किया, जो स्थिरता और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. पी. रोज़लिन ने सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए विषय सहयोग को बढ़ावा देने में इसके महत्व पर जोर दिया। अटल इनक्यूबेशन सेंटर, एएलईएपी, वेहब के मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ. जहूरुल्लाह एस. एमडी ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि नैनोबायोटेक्नोलॉजी में नवाचार कैसे वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकता है। उन्होंने नैदानिक तकनीकों, गैर-आक्रामक सेंसर और अभिनव समाधानों के व्यावसायीकरण पर विशेष जोर देते हुए चिकित्सा, कृषि और पर्यावरण संरक्षण में संभावित अनुप्रयोगों की जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि डॉ. हमीदा बी. (असोसिएट प्रोफेसर और अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ स्टडीज, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, उस्मानिया विश्वविद्यालय) ने नैनोबायोटेक्नोलॉजी में टिकाऊ प्रथाओं पर एक सत्र प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुति ने वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी प्रगति में नैतिक, पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
आईआईटी रुड़की के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. पी. गोपीनाथ के आभासी सत्र ने नैनोबायोटेक्नोलॉजी के अभिनव अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने फलों और सब्जियों के शेल्फ जीवन को बढ़ाने के लिए खाद्य नैनोफाइबर कोटिंग्स, कीटनाशक हटाने के लिए जैव-सुरक्षित कोटिंग्स और आहार स्वास्थ्य में सुधार के लिए नैनो-न्यूट्रास्यूटिकल्स के विकास पर चर्चा की।समापन सत्र में उस्मानिया विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख तथा सीएफआरडी की निदेशक डॉ. संदीप्ता बी. ने पर्यावरण संरक्षण में उनकी क्षमता पर जोर देते हुए हरित समाधानों के लिए नैनोकणों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने सम्मेलन के प्रमुख परिणामों का सारांश प्रस्तुत कर नैनोबायोटेक्नोलॉजी में भविष्य की शोध दिशाओं की रूपरेखा बतायी। सम्मेलन में केस वेस्टर्न रिजर्व विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय छात्र, हैदराबाद के छात्र, शोधकर्ता, उद्योग के पेशेवर सहित अन्य ने भाग लिया।