आईपीईएमए का तीन दिवसीय पोल्ट्री इंडिया एक्सपो 27 से
हैदराबाद, पोल्ट्री इंडिया एक्सपो के 16वें संस्करण का आयोजन शहर में 27 से 29 नवंबर तक किया जाएगा। होटल एचआईसीसी नोवोटल में अनलॉकिंग पोल्ट्री पोटेंशियल थीम पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय एक्सपो में पोल्ट्री उद्योग की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्योग पेशेवरों को व्यावसायिक अवसरों का पता लगाने, पोल्ट्री फार्मिंग, फीड प्रौद्योगिकियों, नावचारों और स्वास्थ्य प्रबंधन में नवीनतम प्रगति और उद्योग के भविष्य पर चर्चा करने के लिए मंच प्रदान किया जाएगा।
इंडियन पोल्ट्री इक्युपमेंट मैनुफैक्चर्स असोसिएशन (आईपीईएमए) द्वारा आज सोमाजीगुड़ा स्थित होटल दि पार्क में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2024 की घोषणा की गई। जानकारी देते हुए बताया गया कि यह दक्षिण एशिया की एक बड़ी और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पोल्ट्री प्रदर्शनी है। इस वर्ष का पोल्ट्री इंडिया एक्सपो पोल्ट्री प्रबंधन, स्वास्थ्य, पोषण और उत्पादन प्रौद्योगिकियों में नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए वैश्विक और घरेलू प्रदर्शकों को एक साथ लाएगा। यहां चालीस से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। यहां 400 से अधिक एक्जीबीटर वैश्विक पोल्ट्री उद्योग में नवीनतम नवाचारों को प्रदर्शित करेंगे। इस तीन दिवसीय आयोजन में पोल्ट्री किसानों, फार्मास्यूटिकल्स, सरकारी प्रतिनिधियों, नीति-निर्माताओं, उद्योग एकीकरणकर्ताओं तथा वैश्विक पोल्ट्री विशेषज्ञों सहित 40,000 से अधिक आगंतुकों के उपस्थिति दर्ज कराने की उम्मीद है।
पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2024 का मुख्य आकर्षण नॉलेज डे भी होगा, जो एक्सपो के एक दिन पूर्व यानि 26 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। इस तकनीकि सेमिनार में 25 से अधिक देशों के 1500 से अधिक विषय विशेषज्ञ भाग लेते हुए पोल्ट्री क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे। अवसर पर आधुनिक पोल्ट्री उत्पादन, फीड मिलों में नवाचार, पोषण और पशु स्वास्थ्य आदि जैसे विषयों पर सत्र आयोजित होंगे। आईपीईएमए अध्यक्ष उदय सिंह बयास ने अवसर पर भारत में पोल्ट्री उद्योग के बढ़ते महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतभर के दस लाख से अधिक पोल्ट्री किसानों की ओर से आईपीईएमए भारत की खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण रोजगार और पोषण कल्याण की आधारशिला पोल्ट्री क्षेत्र को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए तत्काल सरकारी समर्थन की अपील करता है। हम वित्तीय तनाव को कम करने के लिए सोया भोजन और प्रसंस्करण मशीनरी पर जीएसटी से छूट की वकालत करते हैं। पोल्ट्री उद्योग में वैश्विक स्तर पर उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए उच्च मांग वाले बाजारों में निर्यात का समर्थन करने के लिए समर्पित फोकस सेक्टर की आवश्यकता है, जो पोल्ट्री उत्पादों के अग्रणी निर्यातक के रूप में भारत की भूमिका को बढ़ाते हुए किसान कल्याण वटिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगा। अगर हम किसानों की आय बढ़ाने में मदद करना चाहते हैं, तो पोल्ट्री प्रोत्साहन बेहतरीन विकल्प है।
आईपीईएमए के फाउंडर अनिल धूमल ने अवसर पर कहा कि वर्ष 2007 से आरंभ हुए इस पोल्ट्री एक्सपो की गिनती आज सबसे बड़े संबंधित आयोजनों में होती है। हमारा उद्देश्य भारत को पोल्ट्री क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बनाना है। उन्होंने कहा कि आईपीईएमए के चार उत्पाद पेटेंट हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। एक्सपो की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पोल्ट्री एक बड़ा उद्योग है, जो बड़ी संख्या में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजित करता है। यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जो किसानों की आय में तेजी से वफद्धि कर सकता है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में पोल्ट्री सेक्टर का भी अहम योगदान है। इस उद्योग में संभावनाओं तथा चुनौतियों की ओर ध्यान देकर इसके विकास को नए आयाम प्रदान किए जा सकते हैं।
अवसर पर पोल्ट्री इंडिया के सदस्य डॉ.के.जी. आनंद, तेलंगाना पोल्ट्री फेडरेशन के अध्यक्ष के. मोहन रेड्डी, एनईसीपीई के अध्यक्ष डॉ. बालास्वामी, आईपीईएमए के निदेशक हरीश गरवारे, कोषाध्यक्ष श्रीकांत व अन्य ने पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2024 पर विचार रखे।