पूँजी निवेश पर श्वेत पत्र जारी करें : के.पी. विवेकानंद
हैदराबाद, भारास के विधायक के.पी. विवेकानंद गौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हैदराबाद के विकास के साथ अनदेखी की। हैद्रा के कारण शहर में रियल एस्टेट व्यापार गिर गया है। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार शहर के विकास के नाम पर लाखों करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आने का दावा कर रही है, लेकिन यहां की स्थिति कुछ और ही है।
शहर में हैद्रा की आड़ में तोड़-फोड़ की जा रही है। इस प्रकार की कार्यवाही के चलते पूंजी निवेश कैसे आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि उन पर कोई भरोसा नहीं कर रहा है, कोई पैसे नहीं दे रहा है। विवेकानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस प्रकार के बयान से कोई कैसे भरोसा कर सकता है कि दाओस व अन्य देशों से तेलंगाना ने 2 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को आकर्षित किया।
इसलिए सरकार को चाहिए कि विदेशी पूंजी निवेश पर श्वेत पत्र जारी कर स्थिति को स्पष्ट करे। राज्य विधानसभा में आज विभिन्न अनुदान मांग पत्रों पर चर्चा करते हुए विवेकानंद गौड़ ने सरकार की आलोचना की। इस दौरान सरकार के सचेतक आदि श्रीनिवास ने बीच में उठकर कहा कि विवेकानंद मुख्यमंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।
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कांग्रेस सरकार पर हैदराबाद के विकास में असफलता का आरोप
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि विपक्ष निवेशकों को अपनी उटपटांग बयानबाजी से भयभीत कर रहा है और राज्य की स्थिति को गलत तरीके से पेश कर रहा है, इस कारण कुछ निवेशक भरोसा नहीं कर रहे हैं। इस बयान को विवेकानंद गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दाओस में 40 हजार करोड़ रुपये और अन्य विदेशी कंपनियों से लगभग 1.72 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश संबंधी करार किये गये।
उन्होंने कहा कि यह पूंजी निवेश प्रस्तावित फोर्थ सिटी (फ्यूचर सिटी) के लिए ही किया जा रहा है, जिसे भारास पचा नहीं पा रही है। चर्चा जारी रखते हुए विवेकानंद गौड़ ने पिछले दो वर्ष के दौरान आईटी निर्यात में तेजी से कमी आने और रोजगार सृजन में कमी आने के बारे में खुलासा करने की सरकार से मांग की।
शहर के विकास को लेकर कांग्रेस सरकार के दावे की कड़ी आलोचना करते हुए के.पी. विवेकानंद ने कहा कि जीएचएमसी के लिए बजट में 2,654 करोड़ रुपये मंजूर किये गये, लेकिन केवल 1,200 करोड़ रुपये मात्र ही खर्च किये गये। उन्होंने कहा कि जल बोर्ड के लिए 3,385 करोड़ रुपये मंजूर किये गये लेकिन केवल 800 करोड़ रुपये ही जारी किये गये।
सरकार बड़े-बड़े बजट आवंटन तो कर रही है, लेकिन आवंटन की तुलना में काफी कम खर्च किया जा रहा है। पुराने शहर में मेट्रो रेल के लिए 1100 करोड़ रुपये मंजूर कर केवल 300 करोड़ रुपये जारी किये गये, इसी प्रकार मूसी नदी सौंदर्यीकरण परियोजना के लिए 1500 करोड़ रुपये मंजूर कर केवल 80 करोड़ रुपये मात्र ही जारी किये गये।
पिछले बजट में शहर के विकास के लिए मंजूर निधियों में से केवल 25 प्रतिशत राशि ही जारी की गयी। इस प्रकार कांग्रेस सरकार ने हैदराबाद के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया।
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