केसीआर का श्रद्धांजलि देने नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण : कांग्रेस

हैदराबाद, कांग्रेस सरकार के सचेतक बीर्ला आइलय्या ने कहा कि मुख्य विपक्ष नेता केसीआर का विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह के शोक प्रस्ताव पर बात करने नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि मनमोहन सिंह की कैबिनेट में केसीआर मंत्री रह चुके हैं।

आज यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हैदराबाद सहित तेलंगाना राज्य देने में मनमोहन सिंह की भूमिका काफी अहम थी। उन्होंने सीएम रेवंत रेड्डी द्वारा मनमोहन सिंह को भारत रत्न दिये जाने की मांग करने पर हर्ष जताया। उन्होंने कहा कि बीआरएस कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर मानसिक संतुलन खो चुके हैं। इसके चलते अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे यादगिरिगुट्टा श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी से प्रार्थना कर रहे हैं कि नववर्ष में केटीआर को सद्बुद्धि दें। उन्होंने कहा कि बीआरएस अब विपक्ष का दर्जा भी बरकरार नहीं रख पा रही है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष 2024 में बीआरएस का खेल लगभग खत्म हो चुका है और जो थोड़ा बहुत बचा है, वह नये वर्ष में खत्म हो जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि अगर फार्मूला ई रेस के मामले में कोई दम नहीं है तो केटीआर क्यों डर रहे हैं? केटीआर को इसका जवाब देना चाहिए कि उन्होंने कैबिनेट की मंजूरी के बिना रुपये कैसे भेजे थे। उन्होंने कहा कि केटीआर का गिरफ्तार होना तय है। बीआरएस पार्टी की कहानी भी समाप्त हो जाएगी।

उन्होंने टिप्पणी की कि केसीआर फार्म हाउस से बाहर नहीं निकलेंगे…केटीआर जाएंगे जेल…कविता जमानत पर रहेंगी और हरीश राव अपना रास्ता खोज लेंगे। उन्होंने कहा कि केटीआर को जेल जाने की तीव्र इच्छा है, क्योंकि वह सोच रहे हैं कि जेल जाने पर मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने आगे कहा कि कविता को बीसी के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। अगर बीआरएस को बीसी वर्ग से इतना प्यार है, तो बीसी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? पार्टी अध्यक्ष का मौका क्यों नहीं दिया गया। सरकारी सचेतक ने आरोप लगाया कि बीआरएस ने अपने शासन के दौरान बीसी की परवाह तक नहीं की। आरक्षण कम करके बीसी वर्ग के साथ अन्याय किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों में बीसी आरक्षण बढ़ाने के लिए ही रेवंत रेड्डी सरकार ने जातिगत जनगणना करायी।

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