जब आप निडर क्रिकेट खेलते हैं तो असफल होना ठीक है : गंभीर
नई दिल्ली, भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर टी-20 अंतरराष्ट्रीय कप्तान सूर्यकुमार यादव की खराब फॉर्म से परेशान नहीं हैं, क्योंकि जब टीम बहुत अधिक आक्रामक क्रिकेट खेलने पर ध्यान केंद्रित करती है, तो विफलताएं मिलती हैं। भारत ने पिछले महीने यूएई में सूर्यकुमार की कप्तानी में एशिया कप टूर्नामेंट जीता था, लेकिन भारतीय कप्तान की बल्लेबाजी फॉर्म कुछ खास नहीं रही, क्योंकि वह सात पारी में सिर्फ 72 रन बना पाए। हालाँकि मुख्य कोच ने सूर्यकुमार का समर्थन किया है।
गंभीर ने जियो हॉटस्टार पर चर्चा के दौरान कहा कि ईमानदारी से कहूँ तो सूर्यकुमार की बल्लेबाजी फॉर्म से मैं चिंतित नहीं हूँ, क्योंकि हमने अपने ड्रेसिंग रूम में बहुत अधिक आक्रामक रवैया अपनाया है। जब आप इस सोच को अपनाते हैं तो विफलताएँ तो होती हैं। उन्होंने कहा कि सूर्यकुमार के लिए 30 गेंद पर 40 रन बनाना और आलोचना से बचना आसान होता, लेकिन हमने मिलकर तय किया है कि इस तरीके को अपनाते हुए विफल होने में कोई समस्या नहीं है।
गंभीर : सूर्या की नहीं, टीम की लय पर है नजर
जब सूर्यकुमार बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जूझ रहे थे तब अभिषेक शर्मा और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ियों ने अपनी जबरदस्त बल्लेबाजी से टूर्नामेंट में धूम मचा दी। गंभीर ने कहा कि उनका ध्यान किसी एक खिलाड़ी पर नहीं बल्कि पूरी टीम पर है। उन्होंने कहा कि अभी अभिषेक शर्मा अच्छी फॉर्म में हैं और उन्होंने पूरे एशिया कप में इसे बनाए रखा। जब सूर्या लय में आ जाएँगे, तो वह उसी हिसाब से जिम्मेदारी उाएंगे।
गंभीर ने कहा कि टी-20 क्रिकेट में हमारा ध्यान व्यक्तिगत रनों पर नहीं, बल्कि उस तरह के क्रिकेट पर होता है जैसा हम खेलना चाहते हैं। हमारी आक्रामक शैली में बल्लेबाज अधिक बार विफल हो सकते हैं, लेकिन आखिर में रन से अधिक प्रभाव मायने रखता है। गंभीर ने इस दौरान निडर टीम संस्कृति बनाने के अपने विजन और सूर्यकुमार के साथ अपनी साझेदारी के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सूर्यकुमार एक बेहतरीन इंसान हैं और अच्छे इंसान अच्छे नेतृत्वकर्ता बनते हैं।
गंभीर : टीम तभी बढ़ेगी जब डर नहीं, जुनून हावी होगा
वह मेरी काफी सराहना करते हैं, लेकिन मेरा काम बस खेल को समझने के अपने तरीके के आधार पर उन्हें सही सलाह देना है। आखिरकार यह उनकी टीम है। गंभीर ने कहा कि उनका आजाद ख्यालों वाला स्वभाव टी-20 क्रिकेट के सार से पूरी तरह मेल खाता है। यह आजादी और खुद को जाहिर करने के बारे में है। सूर्या ने पिछले डेढ़ साल में इस माहौल को शानदार ढंग से बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली बातचीत से ही हम सहमत थे कि हमें हारने का डर नहीं होगा।
मेरा मकसद सबसे सफल कोच बनना नहीं है। मैं चाहता हूँ कि हम सबसे अधिक निडर टीम बनें। गंभीर ने माना कि उनके खिलाड़ी निडर टीम बनने की कोशिश में गलतियाँ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एशिया कप फाइनल जैसे बड़े मैच में मैंने खिलाड़ियों से कहा कि कैच छोड़ना, खराब शॉट खेलना या खराब गेंद फेंकना ठीक है। इंसान गलतियाँ करते हैं। सिर्फ ड्रेसिंग रूम में बै लोगों की राय मायने रखती है।
गंभीर ने कहा कि सूर्यकुमार और मैं हमेशा सहमत होते हैं : हम गलतियों से कभी नहीं डरेंगे। मैच जितना बड़ा होगा हमें उतना ही निडर और आक्रामक होना होगा। संकीर्ण सोच से विरोधी टीम को ही फायदा होता है। हमारे पास जो प्रतिभा है उसे देखते हुए अगर हम निडर होकर खेलेंगे तो हम ठीक रहेंगे। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर एशिया कप जीता था।(भाषा)
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