नहीं रहे जस्टिस पर्वत राव, वेंकय्या ने दी श्रद्धांजलि

हैदराबाद, संयुक्त आंध्र-प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति जस्टिस एस. पर्वत राव (90) का आज निधन हो गया। पर्वत राव के पार्थिव शरीर का आज जुबली हिल्स के महाप्रस्थानम में अंतिम संस्कार किया गया। दिवंगत पर्वत राव को तीन पुत्रियाँ हैं। वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्होंने अपने घर में आज अंतिम सांस ली। न्यायाधीश जस्टिस कोदंडराम उनके दामाद हैं। पूर्व उप-राष्ट्रपति एम. वेंकय्या नायुडू समेत गणमान्य लोगों ने उनके अंतिम दर्शन कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। पर्वत राव वर्ष 1961 में अधिवक्ता के रूप में अपना जीवन प्रारंभ किया। वे उस समय के महाधिवक्ता डी. नरसाराजू के चैम्बर में जूनियर के रूप में कार्य करते थे। 16 मार्च, 1990 को उन्हें आंध्र-प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 26 नवंबर, 1997 तक वे न्यायाधीश के रूप में कार्य करते रहे और अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसला सुनाए। इनके फैसलों में एमसेट की परीक्षा लिखने वाले विद्यार्थियों को उनके उत्तर पुस्तिकाओं की पुनर्मूल्यांकन करवाने का अधिकार दिलाया था।

न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के पश्चात उन्होंने प्रदेश उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने सरकार द्वारा मौलिक सुविधाएँ न दिए जाने के कारण विरोध स्वरूप इस पद से त्याग-पत्र दे दिया। प्रज्ञा भारती, भारतीय आधिवक्ता परिषद जैसी संस्थाओं में भी कार्य किया है। गोशालाएँ स्थापित करने के अलावा लगभग 30 एकड़ भूमि दान में दी। उन्होंने जीवन पर्यंत ग्रामीण विद्या को प्रोत्साहन दिया। इसके लिए पाठशालाओं की भी स्थापना की।

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