मुश्किल में किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज
हैदराबाद, किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले कई लोग जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसका कारण है जीवन भर महँगी दवाओं का सेवन और इस पर होने वाला भारी-भरकम खर्च। तेलंगाना राज्य में क्रोनिक किडनी के मरीज, जिन्होंने या तो किसी करीबी रिश्तेदार से किडनी दान करके या जीवनदान पहल के तहत किडनी ट्रांसप्लांट करवाया है, अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसमें महंगी दवाइयाँ खरीदना भी शामिल है, जो उन्हें जीवन भर के लिए चाहिए।
अक्तूबर में राज्य भर से 50 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों ने मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप और वित्तीय मदद की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपने के लिए प्रजा भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने 10,000 रुपये की मासिक पेंशन की मांग की थी। हालांकि किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों की दलीलों को राज्य स्वास्थ्य विभाग से अभी तक सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
चेयुता फाउंडेशन फॉर ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन के संस्थापक भगवान रेड्डी कहते हैं कि अभी तक किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों की मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया है, जिन्हें दीर्घकालिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। हर कोई पैसे वाला नहीं होता और ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए कठोर शारीरिक श्रम करना बहुत मुश्किल होता है। वे अपनी नाजुक स्वास्थ्य स्थिति के कारण हमेशा नौकरी पर बने रहने के लिए संघर्ष करते हैं। इसलिए राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए और हमारी मदद करनी चाहिए।
वर्तमान में तेलंगाना में क्रानिक किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों को हर डायलिसिस सेशन के बाद मुफ्त डायलिसिस की सुविधा और दवाओं के अलावा 2,100 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है। किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वालों के लिए पेंशन के रूप में कोई विशेष वित्तीय आवंटन नहीं है। आरोग्यश्री के तहत, किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को डिस्चार्ज होने के दौरान 9,500 रुपये की दवाइयाँ दी जाती हैं, जो निर्धारित दवाओं की कुल लागत का लगभग 50 प्रतिशत है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हर किडनी ट्रांसप्लांट मरीज को कई तरह की बीमारियों या संक्रमणों से जूझना पड़ता है। मौलाली के एक अन्य प्रत्यारोपण रोगी सैयद आबिद अहमद ने कहा कि डायलिसिस पर रहने वाले और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाने वाले मरीजों को 10,000 रुपये की पेंशन समय की मांग है। तेलंगाना में 15,000 से 20,000 किडनी ट्रांसप्लांट के मरीज हैं। प्रत्येक किडनी रोगी को चिकित्सा कारणों से अलग-अलग दवाओं की आवश्यकता होती है और यदि नकद दिया जाता है, तो रोगी निर्धारित दवाएं खरीद सकते हैं। उनमें से अधिकांश को अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना बहुत मुश्किल लगता है, क्योंकि उन्हें जीवन भर के लिए दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। आंध्र प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को 10,000 रुपये की पेंशन है। तेलंगाना में भी इसी तरह की पहल लागू की जानी चाहिए।