नक्सलियों की जान लेना लोकतंत्र नहीं : केसीआर
वरंगल, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ सीमा के जंगलों में नक्सलवादियों का अंत करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कगार को तुरंत रोकने और नक्सलियों के साथ चर्चा करने की मांग करते हुए भारत राष्ट्र समिति (भारास) प्रमुख र्प्वू मुख्यमंत्री कल्वाकुंट्ला चंद्रशेखर राव ने कहा कि नक्सली खुद चर्चा करने आगे आ रहे हैं, तो सरकार को भी उनसे बात करनी चाहिए।
भारास के 24 वर्ष पूर्ण करके 25वें वर्ष में प्रवेश करने पर वरंगल, हनमकोंडा जिले के एलकातुर्ती में आयोजित रजतोत्सव जनसभा को संबोधित करते हुए केसीआर ने नक्सलियों के खात्मे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कड़े कदमों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जंगलों में गिरिजन को मारा जा रहा है, वह लोकतंत्र नहीं है।
नक्सलियों से बातचीत की मांग: केसीआर ने मुख्यमंत्री की विफलता पर व्यक्त की नाराजगी
उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास मिलिट्री की ताकत है लेकिन जिस प्रकार नक्सलियों के खिलाफ मिलिट्री का उपयोग किया जा रहा है, वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र भी लिखेंगे। संबोधन के प्रारंभ में केसीआर ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 28 पर्यटकों की मौत पर दु:ख जताया और 2 मिनट का मौन रखा।
बीआरएस प्रमुख केसीआर ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सरकार को हर क्षेत्र में विफल करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी असमर्थता के चलते राज्य की आर्थिक व्यवस्था को बर्बाद करके रख दिया है। उन्होंने कहा कि र्प्वू बीआरएस सरकार ने 10 साल के अथक परिश्रम से देश में तेलंगाना को हर क्षेत्र में नंबर वन पर लाकर खड़ा किया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने अविवेक, अज्ञान से सब बर्बाद करके वर्ष 2014 से पहले की स्थिति में राज्य को 14वें स्थान पर लाकर रख दिया है जिसे देख दिल जल रहा है।
उन्होंने कहा कि बस अब बहुत हो चुका है। इस सरकार को डेढ़ साल तक मौन रहकर समय दिया और बाहर नहीं निकले, अब निकलेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए ढाई साल बचे हैं। अब जनता, बुद्धिजीवियों को विचार कर समाधान के मार्ग निकालने चाहिए।
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पुलिस को चेतावनी
केसीआर ने बीआरएस के सोशल मीडिया के काम की तारीफ की, वहीं पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार से प्रश्न करने पर पुलिस क्यों अति उत्साह दिखाकर मामले दर्ज कर रही है? उन्होंने कहा कि पुलिस का रवैया ठीक नहीं है। शत प्रतिशत बीआरएस फिर सत्ता में आएगी और पूर हिसाब करेगी। यह पुलिसवाले घर जाकर डायरी में नोट करके रख लें।
उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम करे। राजनीति में सिर घुसाकर बलि का बकरा न बने, क्योंकि बीआरएस को सत्ता में आने से कोई रोक नहीं पायेगा। उन्होंने पीड़ितों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि चिंता न करें। पार्टी का लीगल सेल साथ है जो भी समस्या हो बताएँ। अदालत में सामना करेंगे।
कांग्रेस सरकार गिराने का इरादा नहीं
केसीआर ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार को गिराने की उनकी कोई मंशा नहीं है बल्कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे और जनता से जो वादे किये हैं उन्हें पूरा करे, वरना जनता ही सबक सिखाएगी। पूरे कार्यक्रम में केवल अकेले केसीआर ने ही भाषण दिया। यह भाषण करीब 45 मिनट का रहा, जिसमें राव ने वर्ष 2001 में टीआरएस की स्थापना से लेकर तेलंगाना हासिल करने तथा 10 साल तक सत्ता में रहकर हासिल की गई उपलब्धियों और विपक्ष के तौर पर जनता के पक्ष में किए गए आंदोलन का उल्लेख किया।
अवसर पर बीआरएस कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री के. तारक रामाराव, एमएलसी के. कविता, पूर्व मंत्री व विधायक टी. हरीश राव, एमएलसी मधुसूदनाचारी, विधायक पल्ला राजेश्वर रेड्डी, र्प्वू मंत्री एर्राबेल्ली दयाकर राव, पूर्व विधायक बाल्का सुमन आदि उपस्थित थे। जनसभा के जरिए केसीआर ने शक्ति प्रदर्शन करके सरकार को अपनी ताकत दिखाई, क्योंकि बड़ी संख्या में उपस्थित हुए लोगों ने केसीआर के भाषण के दौरान सीएम- सीएम के नारे लगाए, जिन्हें राव को अपनी शैली में शांत करना पड़ा।
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