केएलएच डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी प्रदर्शनी आयोजित

हैदराबाद, सामुदायिक परिवर्तन के क्षेत्र में इंजीनियरिंग परियोजनओं की भूमिका पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन केएलएच डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के अजीज नगर परिसर में किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने 130 से अधिक मॉडल प्रस्तुत किये।

यहाँ जारी विज्ञप्ति के अनुसार, एपिक्स (सामुदायिक सेवा में इंजीनियरिंग परियोजनाएँ) कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा को सामुदायिक प्रभाव से जोड़ने तथा विद्यार्थियों में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। एपिक्स का उद्देश्य विद्यार्थियों में सामुदायिक विकास के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को जागृत करना है। प्रदर्शनी के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि किस तरह छात्र नेतृत्व वाली पहल सार्थक परिवर्तन लाते हुए सामुदायिक विकास की सीमाओं को फिर से परिभाषित कर रही है।

प्रदर्शनी के माध्यम से कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभागों की 130 बहु-विषयक छात्र टीमों ने पारंपरिक शैक्षिक मॉडल को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने के लिए गतिशील प्लेटफार्मों में बदलने का काम किया। इन परियोजनाओं के लिए छह स्थानीय गाँवों नागिरेड्डीगुड़ा, रेड्डीपल्ली, बाकारम जागीर, कुतुबुद्दीनगुड़ा, पेद्दामंगलारम और अप्पोजीगुड़ा को रणनीतिक रूप से अपनाया गया। इस प्रयास ने तकनीकी हस्तक्षेपों के लिए एक सीधा मार्ग बनाया है, जो सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने में प्रेरक सिद्ध हुआ।

प्रदर्शनी में स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा संरक्षण, सामाजिक सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई अभिनव समाधान प्रदर्शित किए गए। छात्रों की रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमताओं को उजागर करने वाली परियोजनाएँ देखी गयीं। एआई आधारित सड़क सुरक्षा प्रणालियों और ड्रोन-आधारित कृषि प्रौद्योगिकियों से लेकर स्वास्थ्य सेवा पहुँच समाधान और टिकाऊ इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी प्रबंधन तक विभिन्न परियोजनाओं द्वारा तकनीकी सशक्तिकरण का प्रतिनिधित्व किया गया।

केएल डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. जी. पार्था सारथी वर्मा ने कहा कि केवल तकनीक सीखने से काम नहीं चलेगा, बल्कि सामाजिक रूप से जिम्मेदार नवोन्मेषकों को तैयार करना बड़ी जिम्मेदारी है, ताकि तकनीकी समाधान सामाजिक परिवर्तन के शक्तिशाली साधन बन सकें। उन्होंने कहा कि शहरी पशु संरक्षण पहल, स्मार्ट अध्ययन साथी अनुप्रयोग और ड्रोन-आधारित सिंचाई प्रौद्योगिकी जैसी परियोजनाएँ जटिल सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्यक्रम के समग्र दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती हैं। प्रत्येक समाधान एक अकादमिक उपलब्धि से कहीं अधिक का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अधिक न्यायसंगत और तकनीकी रूप से सशक्त समाज बनाने की दिशा में ठोस कदम है। प्रदर्शनी के आयोजन में प्राचार्य डॉ. साईरेड्डी और डॉ. रामकृष्ण अकेला की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

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