आधिकारिक तौर पर मनायी जाएगी कोमरम भीम जयंती : रेवंत

आंदोलन के दौरान आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेगी सरकार

हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि आदिवासी नेता कोमरम भीम की जयंती सरकार आधिकारिक तौर पर मनाएगी। उन्होंने आदिवासी कल्याण और विकास पर सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि तेलंगाना आंदोलन के दौरान आदिवासियों पर दर्ज मामले वापस लिये जाएँगे।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आज सचिवालय में आदिवासी संगठनों और नेताओं के साथ विशेष बैठक की। बैठक में घोषणा की गई कि आदिवासी योद्धा कोमरम भीम की जयंती आधिकारिक तौर पर (राज्य समारोह के रूप में) मनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने सरकार की मुख्य सचिव शांति कुमारी को इस संबंध में तत्काल आदेश जारी करने के निर्देश दिए। आदिवासी नेताओं ने परिवहन, कृषि, पेयजल आपूर्ति, आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामले, शिक्षा, रोजगार और आर्थिक समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में व्यापक अध्ययन करने और समस्याओं को हल करने के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने आदिवासी नेताओं से कहा कि हर चार माह में एक बार आदिवासी नेताओं के साथ बैठक होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आंदोलन के दौरान युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, भविष्य में उनके रोजगार के अवसर बाधित होंगे। इसलिए आंदोलन के दौरान आदिवासियों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएँगे। आवश्यकता पड़ने पर विधानसभा में मामले पर चर्चा के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा। बैठक के दौरान जिन इंद्रवेली शहीद स्मारक की स्थापना और शहीदों के परिवारों को मकान देने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राजनीतिक दृष्टि से आदिवासियों के साथ कोई अन्याय न हो। इसलिए सीताक्का को आदिलाबाद जिले का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आदिवासी छात्रों की शिक्षा, रोजगार और आर्थिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत अधिकारियों को आदिवासी छात्रों के लिए एक विशेष अध्ययन मंडल स्थापित करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि अध्ययन सर्किल के लिए आवश्यक भवन निर्माण हेतु धनराशि मंज़ूर की जा रही है। छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले सभी आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। छात्रों की प्राथमिक शिक्षा गोंडी भाषा में पढ़ाने के लिए आवश्यक योजना का अध्ययन करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश अधकारियों को दिया गया। उटनूर और भद्राचलम में आदिवासी बी.एड. कॉलेजों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों को भरने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय में आदिवासी विद्यार्थियों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। एजेंसी क्षेत्रों में आईटीआई को एटीसी में परिवर्तित किया जा रहा है, इसलिए आदिवासी छात्रों को उनमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

आदिवासियों के आर्थिक विकास में सहयोग का आश्वासन देते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि विधायक कोटे के तहत दिए जाने वाले मकानों के अलावा मुख्यमंत्री कोटे के तहत आदिवासियों को अलग से जनसंख्या के आधार पर मकान उपलब्ध कराए जाएँगे। आदिवासी किसानों को निशुल्क सौर मोटर (100 प्रतिशत सब्सिडी) उपलब्ध कराई जाएगी। इंदिरा जलप्रभा योजना के तहत मुफ्त बोरिंग के प्रस्ताव का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि घरों में सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध कराने के साथ ही निशुल्क सोलर पंप सेट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह जनजातीय क्षेत्रों में पेयजल समस्या को रोकने के लिए कदम उठाएँ। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को केसलापुर जातरा के लिए धनराशि मंजूर करने का निर्देश दिया।बैठक में खानापुर विधायक वेदमा बोज्जू, पूर्व सांसद सोयम बापूराव, पूर्व विधायक आत्रम सक्कू, प्रो. गुम्मडी अनुराधा और आदिवासी संगठनों के नेता उपस्थित थे।

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