केटीआर और रेवंत में समझौता : बंडी संजय
हैदराबाद, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के सहयोगी मंत्री बताने वाले भारत राष्ट्र समिति (भारास) कार्यकारी अध्यक्ष व विधायक के. तारक रामाराव पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री बंडी ने कहा कि दरअसल रेवंत सीएम हैं तो केटीआर का व्यवहार एक्टिंग सीएम की तरह है। इन दोनों के बीच समझौता हो चुका है वरना फार्मूला वन ई- रेस, जनवाड़ा में रेव पार्टी, ड्रग्स केस, कालेश्वरम भ्रष्टाचार व फोन टैपिंग जैसे मामलों में अब तक न केटीआर को अरेस्ट किया गया और न ही उनके पिता व पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को गिरफ्तार किया गया।
भाजपा मुख्यालय श्यामाप्रसाद मुखर्जी भवन में मीडिया के साथ औपचारिक बातचीत में केंद्रीय मंत्री बंडी संजय ने कहा कि लगता है कि सीएम रेवंत व एक्टिंग सीएम केटीआर के बीच समझौता हो चुका है वरना पूर्व केसीआर शासन के दौरान केटीआर के जनवाड़ा फार्महाउस पर ड्रोन उड़ाने के केस में उस समय रेवंत रेड्डी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। आश्चर्य तो इस बात पर है कि जब रेवंत को जेल भेजा गया तब रेवंत रेड्डी की पुत्री का विवाह कार्यक्रम था। केटीआर ने मानवता भी नहीं दिखाई थी फिर भी केटीआर को गिरफ्तारी से छूट मिल रही है। उन्होंने केटीआर को बड़ा ब्लैकमेलर व भ्रष्टाचारी बताया और कहा कि उजागर हो रहे हर स्कैम में केसीआर के पुत्र केटीआर प्रमुख सूत्रधार के रूप में पाए जा रहे हैं फिर भी अब तक अरेस्ट नहीं किया गया। इसका क्या अर्थ निकाला जाए? उन्होंने केटीआर के साले राज पाकाला के फार्महाउस पर कथित रेव पार्टी का जिक्र करते हुए कहा कि केटीआर के साले राजेंद्र पाकाला उर्फ राज पाकाला तथा विजय मद्दनूरी पर नाम के वास्ते केस दर्ज किए गए जबकि खुला प्रचार है कि रेव पार्टी के पीछे केटीआर खुद थे फिर भी हल्के लिया गया। उन्होंने पूर्व केसीआर शासन में हुए कथित फोन टैपिंग मामले का उल्लेख किया और कहा कि प्रमुख आरोपी खुद कबूल कर रहे हैं कि केसीआर के कहने पर फोन टैपिग को अंजाम दिया गया फिर भी क्यों अब तक कार्रवाई नहीं की गई?
केसीआर को कार्यकर्ता नहीं, परिवार प्यारा
बंडी संजय ने भारास प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का नाम लिया और आरोप लगाया कि केसीआर को कार्यकर्ताओं से अधिक परिवार से प्यार है क्योंकि बीआरएस कार्यकर्ताओं पर कई केस दर्ज हुए, जेल भेजा गया लेकिन कभी भी पुलिस को उन्होंने फोन नहीं किया। जब पुत्र केटीआर के साले पर विपदा आई तो केसीआर ने तुरंत डीजीपी से फोन पर बात की। यही वजह है कि बीआरएस के विधायक अब दूसरी ओर झांकने लगे हैं और कार्यकर्ता दूरी बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी नेता के रूप में जिम्मेदारी निभाने के बजाए केसीआर फार्महाउस तक सीमित होकर आराम फरमा रहे हैं। यदि चुनाव हों तो तुरंत चेहरे पर मेकअप करके प्रचार में कूद पड़ते हैं और दूसरे दलों को बुरा भला कहकर उकसाने लगते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मतलबी नेता को कौन घांस डालेगा इसलिए अब बीआरएस को एमएलसी चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है। इन्हें प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं, कोई भी चुनाव लड़ने की हिम्मत तक नहीं जुटा रहा है।
बंडी संजय ने केटीआर पर हल्ला जारी रखते हुए कहा कि इंदिरा पार्क के पास ऑटो ड्राइवर्स ने समस्याओं को लेकर आंदोलन किया, केटीआर की बेशर्मी की हद तो यह है कि ऑटो चालकों के धरने में बिना बुलाये समर्थन जताने पहुंच गए और अपमान झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि ऑटो चालकों ने केटीआर पर ही प्रश्नों की बौछार कर दी कि उनकी समस्याओं की जड़ बीआरएस ही है वहीं ग्राम सरपंचों के आंदोलन में भी समर्थन जताने केटीआर कूद गए, वहां भी अपमान मिला। उन्होंने कहा कि पूर्व बीआरएस शासन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा ग्राम सरपंचों को निधियां जारी किए जाने के बावजूद पूर्व बीआरएस सरकार ने सरपंचों को निधियां जारी नहीं करके हाथ में कटोरा थमा दिया।
लीगल नोटिस देंगे
बंडी संजय ने जल्द ही केटीआर को लीगल नोटिस भेजने की जानकारी देते हुए कहा कि केटीआर ने उन्हें (बंडी संजय को) लीगल नोटिस भेजा था जिसका जवाब दे दिया गया उसके बाद केटीआर ने काउंटर दाखिल नहीं किया यदि उन्होंने (बंडी ने) कुछ गलत कहा होता तो केटीआर अवश्य काउंटर दाखिल करते। उन्होंने कहा कि नोटिस तो अब केटीआर को वे (बंडी) भेजेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आयु का भी लिहाज न करते हुए जिस प्रकार की भाषा अहंकार के तहत केटीआर उपयोग कर रहे हैं वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि केटीआर का अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा है। हार के बावजूद कोई परिवर्तन दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने विधायक व पूर्व मंत्री टी. हरीश राव को केटीआर से अधिक क्रेडिबिलिटी वाले नेता करार दिया।