किसान आत्महत्याओं को सरकारी हत्याएँ करार दिया केटीआर ने

हैदराबाद, भारत राष्ट्र समिति (भारास) कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री कल्वाकुंट्ला तारक रामाराव ने राज्य में हुई किसान आत्महत्याओं को सरकारी हत्याएं करार देते हुए कहा कि पूर्व केसीआर शासन के दौरान किसान आत्मविश्वास से भरे हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सरकार में किसान आत्महत्याएं करने पर मजबूर हैं, जो चिंता की बात है।

राज्य में किसान आत्महत्याओं को लेकर अध्ययन हेतु पूर्व मंत्री निरंजन रेड्डी की अध्यक्षता में गठित कमेटी की आज मंचिरेवुला में निरंजन रेड्डी के घर पर बैठक हुई। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केटीआर ने कहा कि 24 फरवरी को आदिलाबाद जिले से कमेटी अपना काम प्रारंभ करेगी। उन्होंने कहा कि एक महीने तक यह कमेटी विभिन्न वर्गों के किसानों से भेंट करके उनकी समस्याओं, आत्महत्या के कारणों का अध्ययन करेगी। समिति किसान कर्ज माफी, खेती को बिजली आपूर्ति, सिंचाई जलापूर्ति, किसानों के धान खरीद हेतु स्थापित केंद्र, उपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), किसानों को धान पर 500 रुपये अतिरिक्त बोनस अदायगी, रैतु वेदिका आदि विषयों पर अध्ययन करके 1 महीने में रिपोर्ट तैयार करेगी। केटीआर ने आगे बताया कि यह रिपोर्ट भारास प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के अलावा राज्य सरकार को भी सौंपी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में किसान भारी निराशा में हैं।

सरकार के गलत निर्णयों और वादों को निभाने के बजाए मिले धोखे के कारण किसान आत्महत्याएं करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि भारास द्वारा जो कमेटी गठित की गई है उसके पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है बल्कि बीआरएस किसानों के पक्ष में खडी है यह विश्वास दिलाना है।इसके अलावा केटीआर ने खम्मम व सत्तूपल्ली निर्वाचन क्षेत्र के नेताओं के साथ जल्द ही भारास प्रमुख केसीआर द्वारा बैठक किए जाने की जानकारी देते हुए आह्वान किया कि जब तक केसीआर को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा तब तक बीआरएस कार्यकर्ता व नेता संघर्ष जारी रखें।

भारास मुख्यालय तेलंगाना भवन में केटीआर ने सत्तूपल्ली के पूर्व विधायक संड्रा वेंकटवीरय्या व खम्मम के विधायक पुव्वाडा अजय के अलावा निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न कार्पोरेटरों आदि के साथ आज समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि संड्रा व पुव्वाडा को हराकर इन दोनों निर्वाचन क्षेत्र की जनता ने काफी कुछ खो दिया है। कांग्रेस के खिलाफ हर वर्ग में काफी आक्रोश है। यह विरोध ग्राम सभाओं में नजर भी आने लगा है। उन्होंने कहा कि सत्तूपल्ली में बीआरएस के 23 म्यूनिसिपल कॉर्पोरेटर थे जिनमें से केवल 17 शेष बचे हैं, क्योंकि उन्हें केसीआर के नेतृत्व पर पूरा विश्वास है।

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