केटीआर ने बंडी संजय को भेजा नोटिस, निराधार आरोपों को लेकर सार्वजनिक माफी की माँग
हैदराबाद, केटीआर ने आज केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद बंडी संजय को उनके खिलाफ निराधार और अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा। प्राप्त जानकारी के अनुसार केटीआर ने कानूनी नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगर बंडी संजय ने उनके खिलाफ की गई निराधार टिप्पणियों के लिए एक सप्ताह के भीतर बिना शर्त सार्वजनिक माफी नहीं माँगी, तो वह मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। नोटिस में केटीआर ने दावा किया कि बंडी संजय ने हाल ही में उनके खिलाफ नशीली दवाओं के दुरुपयोग तथा फोन टैपिंग में शामिल होने कानिराधार आरोप लगाया। उन्होंने इस संबंध में अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का नाम अनावश्यक रूप से घसीटने के लिए बंडी संजय को दोषी ठहराया। अपने नोटिस में केटीआर ने कहा कि इस प्रकार के आरोप झूठे और अपमानजनक हैं। इनका उद्देश्य उनकी व्यक्तिगत तथा राजनीतिक प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। उन्होंने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह आरोप उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने के उद्देश्य से जानबूझकर लगाए गए हैं।
केटीआर ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब बंडी संजय ने उनके खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए हैं। वह बार-बार झूठ बोलकर उनकी प्रतिष्ठा को कम करने के लिए दुर्भावनापूर्ण प्रचार कर रहे हैं। उनके केंद्रीय मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर होने के कारण लोगों के उनके आरोपों पर विश्वास करने की संभावना है। मैंने पाँच बार विधायक और नौ साल राज्य मंत्री के तौर पर मैंने तेलंगाना के हितों के लिए काम किया है। इस तरह के आरोप बिना किसी सबूत के और केवल उन पर कीचड़ उछालने और राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लगाए जा रहे हैं। केटीआर ने कहा कि बेबुनियाद आरोपों को मीडिया और सोशल मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हुए लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया गया। बंडी संजय को चुनौती देते हुए केटीआर ने कहा कि वह अपने दावों को पुख्ता करने के लिए सबूत पेश करें। अन्यथा बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
विफलताओं को लेकर की सरकार की आलोचना
भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सभी क्षेत्रों में विफल है। साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों में व्यापक असंतोष पैदा करने का काम रही है। केटीआर ने आज ट्वीट द्वारा मौजूदा प्रशासन को लेकर कर्मचारियों, बेरोजगार युवाओं, छात्रों, किसानों, श्रमिकों तथा महिलाओं के असंतोष पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता बकाया अभी भी लंबित क्यों हैं। उन्होंने कर्मचारी संघों को नियुक्तियाँ न देने और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज करने के लिए भी सरकार की निंदा की।
केटीआर ने कहा कांग्रेस के घोषणा-पत्र में छह माह के भीतर एक नए वेतन संशोधन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया गया था। फिर भी दूसरी पीआरसी रिपोर्ट पर कोई प्रगति हुए बिना ग्यारह माह बीत गए। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने में देरी की आलोचना की। उन्होंने छोटे कामगारों और अनुबंध कर्मचारियों सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से जुड़े मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए सैकड़ों वफढषि विस्तार अधिकारियों को निलंबित करने की निंदा की। उन्होंने कर्मचारी कल्याण की उपेक्षा को सरकार के अहंकार का संकेत बताया। केटीआर ने कांग्रेस सरकार को कर्मचारियों को निशाना बनाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए उनके मुद्दों को तुरंत हल करने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।