केटीआर ने ऋण माफी को लेकर मुख्यमंत्री को दी चेतावनी
हैदराबाद, भारत राष्ट्र समिति (भारास) कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री कल्वाकुंट्ला तारक रामाराव ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी द्वारा किसानों के शत प्रतिशत कर्ज माफ करने संबंधी बयान पर मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि यदि दम हो तो बिना सुरक्षा के आएं। गांव-गांव जाकर किसानों से पूछेंगे कि सही में उनके सारे कर्ज माफ कर दिए गए हैं या नहीं, तब सच क्या है पता चल जाएगा।
किसानों की कर्ज माफी योजना को ठीक से अमल नहीं किए जाने का कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाकर विरोध स्वरूप राज्यभर में किसानों के साथ मिलकर बीआरएस के आंदोलन के आह्वान के तहत चेवेल्ला में विरोध प्रदर्शन कर केटीआर ने `सीएम डाउन-डाउन’ के नारे लगाए और किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री के गरम कोंडारेड्डीपल्ली में ही किसानों के कर्ज माफ नहीं किए गए हैं जब मुख्यमंत्री को कोंडारेड्डीपल्ली आने की चुनौती दी गई तो वे भाग खड़े हुए। उन्होंने कहा कि कोंडारेड्डीपल्ली में यदि किसानों ने कह दिया कि उनके कर्ज माफ हो चुके हैं तो वे (केटीआर) राजनीतिक संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के पास ऋण माफी के लिए पैसा नहीं है इसलिए शर्तें थोप रही है जबकि चुनाव के पहले वादा किया गया था कि किसी प्रकार की शर्तें कर्ज माफी के लिए नहीं लगाई जाएंगी।
केटीआर ने कहा कि कांग्रेस को दिया गया हनीमून पीरियड समाप्त हो चुका है अब प्रजा क्षेत्र में कांग्रेस को धोने के लिए बीआरएस कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली है चाहे जितने केस दर्ज कर लिए जाएं। जनता के पक्ष में बीआरएस की लडाई रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को सभी किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने ही पडेंगे तब तक बीआरएस पीछा नहीं छोडेगी। उन्होंने प्रश्न किया कि कांग्रेस के सत्ता में आए एक वर्ष भी नहीं हुआ इतना फ्रस्टेशन क्यों है क्यों वादे निभाने की बात करने वालों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी ने चुनाव के पहले कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के जन्मदिवस 9 दिसंबर तक सभी किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज एकमुश्त माफ करने का वादा किया था जिसके लिए केवल 49 हजार करोड़ रुपये की जरूरत बताई थी और इसे आसान भी कहा था।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने भगवानों की कसमें खाकर 15 अगस्त तक सारे किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था जिसके लिए 31 हजार करोड रुपये मंजरी देने के कैबिनेट द्वारा निर्णय लिए जाने की जानकारी दी थी लेकिन राज्य के बजट में केवल 26 करोड रुपये ही आवंटित किए गए। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में प्रश्न किया गया तो बोलने तक नहीं दिया गया।