जिंदगी को मीठा बनाने के लिए सुनने की कला सीखें : डॉ. समकितमुनिजी


हैदराबाद, यदि जिंदगी को शहद की तरह मीठा बनाना है, तो हमें जीवन में सुनने की कला सीखनी चाहिए। जिस प्रकार बोलना आर्ट ऑफ टॉकिंग है, तो सुनना भी एक कला है। किसी ने हमें हमारे बारे में अपशब्द कह दिये, तो उन शब्दों को चबाने के बजाए पचाना सीखें और एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकालना सीखें। आगम में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहाँ पुण्यात्माओं ने सुनकर कैवल्य ज्ञान को प्राप्त किया।

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, ग्रेटर हैदराबाद के तत्वावधान में श्री पूनमचंद गांधी जैन स्थानक काचीगुड़ा में चातुर्मासिक धर्म सभा में डॉ. समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा-3 ने उक्त उद्गार व्यक्त किये। चातुर्मास प्रधान संयोजक विनोद कुमार कीमती ने आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में उक्त जानकारी दी। म.सा. ने कहा की आचारांग सूत्र में एक सूत्र दिया गया है कि सद्दे अहिया समने अर्थात कड़वे शब्दों को चबाओ मत उन शब्दों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दो। हम कड़वी गोली खाते हैं, तब उसको चबाते नहीं, बल्कि सीधे निगल लेते हैं। हम जानते हैं कि कड़वी गोली को चबाने से हमारा पूरा मुँह कड़वा हो जाता है, इसी प्रकार कड़वे शब्दों को चबाने से हमारा जीवन भी कड़वा हो जाता है।

म.सा. ने कहा कि नंदी सूत्र में इस संबंध में एक उदाहरण दिया गया कि सुनना है तो गूंगे की तरह से सुनो और जवाब मत दो। सुनने के लिए हमें जुबान की नहीं, बल्कि कानों की आवश्यकता होती है। यदि हम सुनकर गलत बोल देते हैं, तो इससे स्वयं भी परेशान हो जाते हैं और सामने वाले को भी हम परेशान कर देते हैं। म.सा. ने कहा कि लोग हमें अच्छे के लिए भी डाँट देते है, तो हमें बुरा लगता है और हम डाँटने वाले के प्रति गलत भावना अपने मन में लगा देते हैं, क्योंकि डाँट किसी को भी पसंद नहीं होती। यदि हम जीवन में अपने आपको सही साबित करने का प्रयास नहीं करते और जब सामने वाले को अहसास हो जाता है कि सामने वाला सही है, तो उसे काफी पछतावा होता है। जिसने भी जीवन में सुनने की कला सीख ली और अपशब्द कहने वाले के प्रति मन में दुर्भावना नहीं रखी, उसके जीवन का कल्याण होकर ही रहेगा। सुनने की कला से हम स्वयं को सुखी रख सकते हैं और सामने वाले को भी सुखी कर सकते है।

धर्मसभा का संचालन करते हुए संघ के मंत्री पवन कटारिया ने कहा कि 22 से 26 अगस्त तक जुग-जुग जियो विषय पर विशेष प्रवचन माला होगी। इसका लाभ ब्यासना तप के साथ में लेना है। उन्होंने संघ की ओर से सभी को ज्यादा से ज्यादा प्रवचन माला का लाभ लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि महामंगलकारी चौमुखी जाप के आज के लाभार्थी अशोक संदीप कुणाल नाहर परिवार, बालचंद सुनील बल्लावत परिवार, दिलखुशराज नितेश दफ़्तरी परिवार, कमलेश बोहरा परिवार रहे।

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