लिरेन ने की वापसी
सिंगापुर, भारतीय चैलेंजर डी. गुकेश विश्व शतरंज चैम्पियनशिप की 12वीं बाजी में सोमवार को यहाँ गत चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन से हार गये, जिससे दोनें का स्कोर छह-छह अंक के साथ बराबर हो गया।
लगातार सात ड्रॉ मुकाबलों के बाद 18 साल के गुकेश ने रविवार को 11वीं बाजी में जीत के साथ चीन के खिलाड़ी पर एक अंक की बढ़त कायम की थी, लेकिन 32 साल के लिरेन ने अगली ही बाजी में स्कोर बराबर कर दिया। क्लासिकल प्रारूप के 14 में से 12 बाजियें के बाद दोनें खिलाड़ी खिताब से 1.5 अंक दूर है। चौदह बाजियें के बाद भी अगर परिणाम बराबरी (सात-सात अंक) पर रहा तो विजेता का फैसला फास्टर टाइम कंट्रोल मैच से होगा।
लिरेन ने इस मैच की शुरुआती बाजी को अपने नाम किया था, जबकि गुकेश तीसरी बाजी के विजेता बने थे। इसके आ मुकाबले बराबरी पर छूटे हैं। लिरेन की जीत के साथ ही यह तय हो गया कि विश्व चैम्पियनशिप के विजेता का फैसला 14वें दौर में या उसके बाद होगा। सफेद मोहरों से यह लिरेन की पहली जीत है। इस मुकाबले के लिए गुकेश की तैयारी पिछले 11 मैचों की तरह अच्छी नही दिखी। गुकेश ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चैम्पियनशिप के शुरुआती मुकाबलों के बाद मेरे पास कई मौके थे। आज का मेरा प्रदर्शन जाहिर तौर पर खराब था, लेकिन मैं इसे ज्यादा तवज्जो नही देना चाहूँगा। खेल में ऐसा होता है। आप कुल मिलाकर दूसरे चरण की बाजियें को देखें, तो मुझे लगता है कि हम दोनें शुरुआती मुकाबलों की तुलना में बेहतर खेल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि छह-छह का परिणाम बुरा नही है, लेकिन एक दिन पहले मेरे पास बढ़त थी तो इस मैच को गंवाने पर थोड़ी निराशा हो रही है। स्कोर बराबर है और दो बाजियाँ बची हुई है। लिरेन ने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप की 12वीं बाजी में उनका प्रदर्शन हाल के दिनें में सर्वश्रेष् रहा है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी मैं हार के बाद बहुत अच्छा प्रदर्शन करता हूँ। यह बहुत महत्वपूर्ण 12वीं बाजी थी। यह शायद हाल के दिनें में मेरा सर्वश्रेष् प्रदर्शन है। लिरेन ने कहा कि मैंने आज सिर्फ सर्वेत्तम चालें चलने की कोशिश की और मुकाबले के दौरान मुझे एहसास हुआ कि मेरी स्थिति बहुत बेहतर थी। ड्रॉ करने का कोई रास्ता नहीं बचा था। मैंने इस पूरी बाजी में अपने प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाए रखा, मैं आज कहीं नहीं चूका। चीन के खिलाड़ी ने इंग्लिश ओपनिंग (वजीर के आगे वाले प्यादे को दो घर चलना) का सहारा लिया और गुकेश ने ऐसी ही चाल (बेनोनी डिफेंस) से इसका जवाब दिया। इस मुकाबले में 15 चाल तक दोनें खिलाड़ी बराबरी पर थे लेकिन इसके बाद गुकेश की स्थिति कमजोर होने लगी। लिरेन कम समय के बावजूद गुकेश पर दबदबा बनाने में सफल रहे। लिरेन ने अपने रुक (हाथी) की बलि देकर शानदार रणनीतिक खेल का कौशल दिखाते हुए गुकेश को चकमा दिया, जिससे भारतीय खिलाड़ी को 39 चालों के बाद हार माननी पड़ी।(भाषा)