एकता का महायज्ञ, महाकुंभ से मिलेगी नई पहचान : मोदी

प्रयागराज, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि महाकुंभ देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा और यह एकता का महायज्ञ है। प्रधानमंत्री ने 5500 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद यहाँ एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा, महाकुंभ देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। महाकुंभ को एकता का महायज्ञ बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें जाति और संप्रदायों का भेद मिट जाता है।

उन्होंने इस आयोजन के महत्व पर बहुत विश्वास व्यक्त किया और कहा कि यह एकता का महायज्ञ होगा जो जाति, संप्रदाय और क्षेत्र के सभी विभाजनों से परे होगा। उन्होंने प्रयागराज को सिर्फ एक भौगोलिक नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक स्थान बताया जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का पवित्र संगम सभी क्षेत्रों के लोगों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाता है।

मोदी ने कहा, प्रयागराज सिर्फ एक भौगोलिक स्थान नहीं है, यह आध्यात्मिक अनुभव की जगह है। यह ज्ञान और ज्ञान के लोगों का आशीर्वाद है कि मुझे बार-बार इस भूमि पर आने का सौभाग्य मिलता है। पिछले कुंभ में भी मुझे संगम में स्नान करने का सौभाग्य मिला था और आज एक बार फिर मुझे गंगा के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री ने कुंभ के ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया और याद दिलाया कि कैसे सदियों से ऋषि-मुनियों ने राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए इस समागम का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भी कुंभ ने सामाजिक बदलाव की नींव रखी थी।(भाषा)

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