महबूबनगर जनरल अस्पताल बनेगा कॉर्पोरेट हॉस्पिटल : दामोदर

हैदराबाद, स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजनरसिम्हा ने कहा कि जल्द ही महबूबनगर जनरल अस्पताल को कॉर्पोरेट हॉस्पिटल के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने आज इस संदर्भ में समीक्षा बैठक कर कहा कि महबूबनगर जनरल अस्पताल में एमआरआई स्कैनिंग सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से एक एमआरआई मशीन स्थापित की जाएगी।यहसेवाएँ उगादी से शुरू होंगी। उन्होंने कहा कि कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी जैसी सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाएँ भी जल्द ही संयुक्त महबूबनगर जिले में उपलब्ध कराई जाएँगी।

बैठक में विधायक येन्नम श्रीनिवास रेड्डी, वाकीति श्रीहरि, मधुसूदन रेड्डी, बंदला वफढष्ण मोहन रेड्डी, अनिरुद्ध रेड्डी, के. राजेश रेड्डी, विधायक शंकर ने कहा कि महबूबनगर में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए हैदराबाद आना पड़ता है। महबूबनगर जनरल अस्पताल में कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी जैसी सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता से मरीजों को सुविधा होगी। इस माँग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने यहाँ जल्द से जल्द सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएँ स्थापित करने का वादा किया। उन्होंने अधिकारियों को संयुक्त जिले में पाँचमेडिकल कॉलेज, सामान्य अस्पताल, जिला एवं क्षेत्रीय अस्पतालों के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। इन कार्यों पर अनुमानित रूप से लगभग सौ करोड़ के व्यय आने का अनुमान है। स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल कार्यों, उपकरणों और अन्य सेवाओं के संबंध में पूर्ण विवरण के साथ अलग-अलग प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया।

बैठक में संयुक्त जिले में नये उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं बस्ती दावाखानों की स्थापना पर चर्चा की गयी। मंत्री ने कहा कि सरकार जितने नये अस्पतालों की जरूरत होगी,उनकी मंजूरी देने तैयार है। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए नये उपकेंद्रों, पीएचसी व अन्य अस्पतालों की स्थापना के लिए विधायकों से चर्चा कर जिले की भौगोलिक स्थिति, अस्पतालों के बीच की दूरी, आबादी आदि को ध्यान में रखकर वैज्ञानिक ढंग से प्रस्ताव तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या के अनुसार डायलिसिस केंद्र स्थापित किये जाएँगे। मंत्री ने कहा कि संयुक्त जिले में चार नये केंद्रीय औषधीय भंडारण केंद्र स्थापित किये गये हैं। दवा आपूर्ति एवं पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर दवा नहीं होने से मरीजों को परेशानी हुई, तो समिति के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। मंत्री ने कहा कि डीएमएचओ और अस्पताल अधीक्षक का दायित्व है कि वह चिकित्सकों तथा कर्मचारियों की समय पाबंदी को सुनिश्चित करें। अस्पतालों में आकस्मिक निरीक्षण के लिए राज्य स्तर पर टास्क फोर्स समितियों कागठन किया गया है। मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि शेड्यूल का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बैठक में चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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