माओवादी नेता वेणुगोपाल ने किया सरेंडर का समर्थन
हैदराबाद, नक्सलवाद के खात्मे के केन्द्र सरकार के संकल्प के बीच भाकपा (माओवादी) का एक वर्ग कथित तौर पर हथियार डालने के पक्ष में है, जबकि अन्य वर्ग सशस्त्र संघर्ष जारी रखना चाहते हैं। तेलंगाना खुफिया सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह परिवर्तन विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में माओवाद विरोधी अभियानों में तेज़ी आने के बाद आया है। तेलंगाना के मूल निवासी वरिष्ठ भाकपा (माओवादी) नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल के बारे में कहा जाता है कि वे हथियार डालने का समर्थन कर रहे हैं।
सूत्रों ने शनिवार को बताया कि प्रतिबंधित संगठन के भीतर आंतरिक संघर्ष तब सामने आया, जब पिछले महीने वेणुगोपाल द्वारा कथित तौर पर एक पत्र जारी किया गया, जिसमें अस्थायी रूप से सशस्त्र संघर्ष छोड़ने और हथियार डालने का आह्वान किया गया था। भाकपा (माओवादी) केंद्रीय समिति ने पत्र को उनका निजी विचार बताते हुए खारिज कर दिया।
भाकपा (माओवादी) में बदलाव, तिरुपति बने नए महासचिव
तेलंगाना के ही थिप्पीरी तिरुपति उर्फ देवजी ने इस महीने की शुरुआत में भाकपा (माओवादी) महासचिव का पदभार संभाला था। सूत्रों ने बताया कि ऐसा समझा जाता है कि वेणुगोपाल उर्फ सोनू ने कुछ अन्य नेताओं के समर्थन का हवाला दिया है।
केंद्रीय समिति के सदस्य कादरी सत्यनारायण रेड्डी समेत कुछ नेता हाल ही में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बीच पुलिस सूत्रों ने कहा कि अगर सुरक्षा बलों को बढ़त मिलती है तो सशस्त्र संघर्ष जारी रखने का समर्थन करने वाला गुट सफल नहीं हो सकता है।
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वेणुगोपाल माओवादी नेता मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी का छोटा भाई है, जो 2011 में पश्चिम बंगाल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। किशनजी की पत्नी पद्मावती ने 13 सितंबर को तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। हाल ही में पुलिस की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीपीआई (माओवादी) के 15 केंद्रीय समिति सदस्यों में से 10 तेलंगाना के मूल निवासी हैं।
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