हेरिटेज वॉक में शामिल होंगी मिस वर्ल्ड के प्रतिभागी

हैदराबाद, हैदराबाद में आयोजित होने वाली मिस वर्ल्ड-2025 प्रतियोगिता से चारमीनार और लाड बाजार को विश्वव्यापी पहचान मिलेगी। मिस वर्ल्ड कार्यक्रम के तहत 13 मई की शाम को चारमीनार और लाड बाजार में हेरिटेज वॉक का आयोजन किया जाएगा, ताकि दुनिया को हैदराबाद के चारमीनार और लाड बाजार की सांस्कृतिक भव्यता, विविधता और ऐतिहासिक महत्व दिखाया जा सके।

मिस वर्ल्ड के प्रतिभागी लाड बाजार में स्थानीय कलाकारों से बात करेंगे। कुल 120 देशों की मिस वर्ल्ड प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगी। इस हेरिटेज वॉक का 150 से अधिक देशों में सीधा प्रसारण किया जाएगा। दुनिया भर में करोड़ों लोग कार्यक्रम को देख सकेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के विचारों के अनुरूप अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर विदेशी पर्यटकों को तेलंगाना में आकर्षित करने की योजना तैयार की है।

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चारमीनार और लाड बाजार की ऐतिहासिक विशेषताएँ

उनका कहना है कि मिस वर्ल्ड के प्रतिभागी ऐतिहासिक चारमीनार और लाड बाजार की अनूठी विशेषताओं के बारे में बताएँगे तथा इसे विश्व पर्यटन स्थल के रूप में प्रचारित करेंगे। निज़ाम के शासन के दौरान बने लाड बाजार का इतिहास 400 वर्षों से भी पुराना है। यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार की चूड़ियों की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है।

यहाँ की विशेषता रंग-बिरंगी, मोतियों और फीते के काम वाली पारंपरिक चूड़ियाँ हैं। यह हर शादी के मौसम में लोगों के आकर्षण का केन्द्र होती हैं। यहां गुणवत्तापूर्ण मोती और आभूषण उपलब्ध हैं। इसे हस्तशिल्प केन्द्र के रूप में जाना जाता है। चित्रकारी, नक्काशी और इस्लामी कला जैसी पारंपरिक हस्तशिल्प यहाँ उपलब्ध है। पुराने शहर की ईंटों से बनीं सड़कें, जीवंत दुकानें और सांस्कृतिक सुगंध हर किसी को मोहित कर देंगी। कुतुबशाही राजा मुहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा 1591 में निर्मित चारमीनार हैदराबाद के सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है।

चार मीनारों वाला यह स्मारक इंडो-इस्लामिक डिजाइन का प्रमाण है। प्लेग बीमारी के उन्मूलन के बाद शहर की स्थापना को चिह्नित करने के लिए इसका निर्माण किया गया। यह 56 मीटर की ऊँचाई और 45 मीटर की चौड़ाई के साथ हैदराबाद के दिल के रूप माना जाता है। मीनारों के ऊपर से पुराने शहर का शानदार दृश्य दिखाई देता है। विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता हेतु नामांकित किया गया। यह निज़ाम के समय से लेकर आज तक हैदराबाद का प्रतीक रहा है।

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