मोदी ने रखी आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान की आधारशिला
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत में विश्व की स्वास्थ्य एवं आरोग्य राजधानी बनने की अपार क्षमता है और वह दिन दूर नहीं, जब दुनिया मेक इन इंडिया के साथ-साथ हील इन इंडिया को भी मंत्र के रूप में अपनाएगी।
मोदी ने यह टिप्पणी रोहिणी में केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के नये भवन की डिजिटल तरीके से आधारशिला रखते हुए की और इसे आयुर्वेद की अगली बड़ी छलांग करार दिया। समारोह में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 187 करोड़ रुपये के निवेश से 2.92 एकड़ में फैली नई सुविधा में 100 बिस्तरों वाला एक अस्पताल होगा, जो आयुर्वेद अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों को स्वास्थ्य सेवों प्रदान करने के लिए समर्पित होगा। गरीब से गरीब व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा सुलभ कराने पर केंद्र के जोर का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आयुष और आयुर्वेद जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में आयुष पद्धति का विस्तार 100 से अधिक देशों में किया गया है। मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित विश्व स्वास्थ्य संगन (डब्ल्यूएचओ) का पहला संस्थान भारत में स्थापित किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि उन्होंने कुछ सप्ताह पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि आज केन्द्राय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान की नींव रखी गई है और इसके लिए उन्होंने दिल्ली के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की राजधानी बनने की अपार संभावनाएँ हैं और वह दिन दूर नहीं, जब दुनिया मेक इन इंडिया पहल की तरह हील इन इंडिया को मंत्र के रूप में अपनाएगी।(भाषा)