नक्सल हमले में नौ की मौत
बीजापुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सलियों ने एक वाहन को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उड़ा दिया, जिसमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आ जवान और एक चालक की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले दो वर्षों में राज्य में सुरक्षा बलों पर माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला है।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गाँव के पास दोपहर करीब 2.15 बजे नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक वाहन को उड़ा दिया। यह घटना तब हुई जब दंतेवाड़ा जिले के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान नक्सल विरोधी अभियान के बाद अपनी एसयूवी कार से लौट रहे थे। अधिकारी ने बताया कि सभी आ डीआरजी जवानों और वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई। डीआरजी राज्य पुलिस की एक इकाई है और इसमें ज्यादातर स्थानीय आदिवासियों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भर्ती किया जाता है। आईजी ने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया है और शवों को बाहर निकाला जा रहा है। सुंदरराज ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया है।
आईजी ने कहा कि ये डीआरजी जवान नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमाओं पर सुरक्षा कर्मियों की संयुक्त टीमों द्वारा तीन दिनों तक चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में शामिल थे। उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चले अभियान में पाँच नक्सली मारे गए और डीआरजी का एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया। अधिकारी ने बताया कि अभियान के बाद दंतेवाड़ा से डीआरजी के जवान अपने बेस पर लौट रहे थे, तभी कुटरू इलाके में यह हमला हुआ। जिस इलाके में विस्फोट हुआ वह राजधानी रायपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर है। अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल में एक बड़ा गड्ढा हो गया है, जो 10 फुट से ज्यादा गहरा है। उनके मुताबिक, हमले में वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया तथा वाहन का एक हिस्सा पास के एक पेड़ पर भी लटका हुआ देखा गया। दक्षिण बस्तर क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कमलोचन कश्यप ने बताया कि पुलिस को संदेह है कि नक्सलियों द्वारा वाहन को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की गई शक्तिशाली बारूदी सुरंग 60-70 किलोग्राम वजन की थी और इसे बहुत पहले लगाया गया था।(भाषा)