अयोग्य भूमि के लिए किसान बीमा नहीं
हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने स्पष्ट किया कि किसान बीमा से योग्य भूमि के किसान ही लाभान्वित होंगे। उन्होंने जिला कलेक्टरों के निर्देश दिये कि खेती योग्य भूमि के किसानों को ही बीमा की सुविधा पहुँचाई जाए। साथ ही ऐसी भूमि की पहचान करें, जो इस सुविधा के अयोग्य हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को याद दिलाया कि अतीत में रैतु बंधु के नाम से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया गया था। पिछली सरकार ने बंजर भूमि के लिए भी फसल बीमा सहायता प्रदान की थी। इस बार ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आज जिला कलेक्टरों के साथ विकास और कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को खेती योग्य भूमि के लिए ही बीमा दिया जाए। बीमा सुविधा उन लोगों को नहीं दी जानी चाहिए, जिनकी भूमि का उपयोग कृषि के लिए नहीं हो रहा है। रियल इस्टेट, लेआउट भूमि, खनन के लिए परिवर्तित भूमि और वह भूमि जिस पर गोदाम बनाए गए हैं, उनकी पहचान कर उन्हें किसान बीमा योजना से बाहर रखा जाए।
रेवंत रेड्डी ने निर्देश दिये है कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि का ब्यौरा एकत्र किया जाए। ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं एवं संबंधित विभागों के समस्त राजस्व अभिलेखों को संकलित किया जाए। साथ ही अधिकारी फील्ड में जाकर गाँव के नक्शों का सत्यापन करें। अनुपयोगी भूमि की सूची तैयार कर ग्राम परिषदों में प्रकाशित करें। इन पर ग्राम सभाओं में चर्चा कर इनका खुलासा किया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि चाहे किसान फसल उगाए या न उगाये, उसे खेती योग्य प्रत्येक एकड़ भूमि की गारंटी मिलनी चाहिए।
कलेक्टरों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का, मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, कोमटीरेड्डी वेंकट रेड्डी, श्रीधर बाबू, पोन्नम प्रभाकर, सीताक्का, कोंडा सुरेखा और जुपल्ली कृष्ण राव उपस्थित थे।
बैठक में रैतु भरोसा, इंदिरम्मा आत्मीय भरोसा, राशन कार्ड, इंदिराम्मा आवास आदि योजनाओं के कार्यान्वयन तथा लाभार्थियों की सूची तैयार करने पर चर्चा की गयी। आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर रैतु भरोसा और इंदिराम्मा आत्मीय भरोसा योजनाओं को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया। कलेक्टरों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में राज्य के सभी गाँवों में ग्राम सभाएँ तथा नगर पालिकाओं में वार्ड बैठकें आयोजित करने की तैयारी तत्काल करने के निर्देश दिए गए।
कार्यालय से बाहर निकलें कलेक्टर
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने जिला कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि वह क्षेत्रीय दौरों पर निकलें और यथास्थिति की जानकारी लें। कार्यालयों में बैठकर काम करने की शैली में परिवर्तन लाएँ। रेवंत रेड्डी ने कहा कि सरकार कल्याण और विकास को दो आँखें मानती है। जाति जनगणना सर्वेक्षण का 96 प्रतिशत कार्य पूरा करने के लिए जिला कलेक्टरों को उन्होंने बधाई दी। साथ ही कहा कि कलेक्टरों का प्रदर्शन सरकार के प्रदर्शन का माप है। कलेक्टरों को अपने प्रदर्शन में सुधार लाने और आगे बढ़ने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि कलेक्टरों को पहले ही निर्देश दिये गये कि क्षेत्रीय दौरे करें, लेकिन कुछ लोग अभी भी दफ्तरों में बैठकर काम करना चाहते हैं। जब समस्याएँ उत्पन्न हों, तो उनसे प्रभावी ढंग से निपटने की आवश्यकता है।