बीयर की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं : सीएम
हैदराबाद, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बीयर कंपनियों की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बीयर की कीमतों में कम से कम 10 रुपये प्रति बोतल की बढ़ोतरी की मांग की थी। उद्योग के प्रतिनिधियों के अनुसार, 2019 में अंतिम मूल्य संशोधन के बाद से उत्पादन लागत में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बीयर कंपनियों की मांग के बाद राज्य सरकार ने क़ीमतों की समीक्षा के लिए एक मूल्य निर्धारण समिति (पीएफसी) का गठन किया था, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि रेवंत रेड्डी बीयर निर्माताओं की बाँह मरोड़ने की रणनीति के खिलाफ अपने रुख पर अड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार बीयर उद्योग को न तो कर लाभ देगी और न ही कीमतें बढ़ाएगी। ब्रूअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने पिछले महीने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बात पर प्रकाश डाला था कि 2019 में स्थापित मौजूदा मूल्य ढांचा अब बढ़ती उत्पादन लागत को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
10 नवंबर को लिखे पत्र में, बीएआई के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि उत्पादन लागत में 35-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस वृद्धि को दर्शाने के लिए मूल्य समायोजन को मंजूरी नहीं दी है। एसोसिएशन ने तर्क दिया कि इससे तेलंगाना में परिचालन व्यावसायिक रूप से अस्थिर हो गया है, साथ ही भविष्य के निवेश भी जोखिम में हैं। बीएआई की चिंताओं के जवाब में तेलंगाना सरकार ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए जुलाई में पीएफसी की स्थापना की थी। समिति ने बीयर कंपनियों से संशोधित कीमतों के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा था। हालांकि अगस्त की शुरुआत में उद्योग परामर्श समाप्त होने के बाद से कोई प्रगति नहीं हुई है। बीएआई ने बताया कि बीयर आपूर्तिकर्ताओं को हाल के वर्षों में केवल मामूली मूल्य वृद्धि की अनुमति दी गई थी, जिसमें 2018 में 9 से 11 प्रतिशत के बीच की वृद्धि और 2022 में 5.5 और 7.5 प्रतिशत समायोजन की सीमा में एक और वृद्धि। एसोसिएशन ने कहा कि पिछले सात वर्षों में ये वृद्धि उत्पादन लागत में वास्तविक वृद्धि से बहुत कम है। एसोसिएशन का दावा है कि केंद्र सरकार के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, इसमें 45-50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एसोसिएशन ने आगे जोर देकर कहा कि तेलंगाना की बीयर की कीमतें पड़ोसी राज्यों की तुलना में 30-50 प्रतिशत कम हैं, जिससे कंपनियों के लिए राज्य में काम करना आर्थिक रूप से नुकसानदायक हो गया है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि सरकार या तो कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की तरह मुफ्त मूल्य निर्धारण की अनुमति दे या कम से कम मुद्रास्फीति के अनुरूप बीयर की कीमतों को समायोजित करे। हालांकि रेवंत रेड्डी ने अडिग रहते हुए मूल्य वृद्धि के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं है जो शराब उद्योग की मांगों के आगे झुकेगी, जैसा कि पिछली बीआरएस सरकार ने किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस सरकार राज्य के गौरव को कम करने की किसी भी धमकी या प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई बीयर कंपनी सोचती है कि वह हमारी सरकार के दौरान तेलंगाना के गौरव को चुनौती दे सकती है, तो वह गलत है।