पुरानी कार्य संस्कृति खत्म : मोदी
पुणे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को पूर्ववर्ती सरकारों पर शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए योजना और दूरदृष्टि की कमी का आरोप लगाया और कहा कि अगर वही पुरानी कार्य संस्कृति होती तो पुणे मेट्रो परियोजना का काम आगे नहीं बढ़ पाता।
मोदी ने कहा कि उन्होंने इस पुरानी कार्य संस्कृति को खत्म कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉफ्रेंस के जरिये महाराष्ट्र में 11,200 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के दौरान यह बातें कहीं। मोदी का 26 सितंबर को निर्धारित पुणे दौरा शहर में भारी बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री ने जिला न्यायालय से स्वारगेट तक पुणे मेट्रो खंड का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया और मेट्रो को हरी झंडी दिखाई। मोदी ने कहा कि पुणे मेट्रो के प्रथम चरण के पूरा होने से शहर में लोगें का आवागमन सुगम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की तरह अगर सोचने का वही पुराना तरीका होता तो पुणे मेट्रो का काम पूरा नहीं हो पाता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र को नए संकल्पों और बड़े लक्ष्यों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुणे को शहरी विकास के केंद्र में तब्दील करने की जरूरत है। मोदी ने कहा, बढ़ती आबादी के कारण शहर की गति धीमी नहीं होनी चाहिए बल्कि इसकी क्षमता बढ़नी चाहिए। यह तभी संभव है जब सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाए। यही महायुति सरकार (महाराष्ट्र में) का दृष्टिकोण है।
उन्होंने कहा कि पुणे की आधुनिक जरूरतों को पूरा करने का काम बहुत पहले शुरू हो जाना चाहिए था। प्रधानमंत्री ने कहा, दुर्भाग्य से, पहले शहरी विकास के लिए दृष्टिकोण और योजना का अभाव था। लेटलतीफी की पुरानी कार्य संस्कृति के कारण देश और राज्य को नुकसान उाना पड़ा। पुणे मेट्रो परियोजना की परिकल्पना 2008 में की गई थी, लेकिन इसकी नींव 2016 में हमने रखी और अब इसका विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार आ साल में मेट्रो परियोजना का एक खंभा भी खड़ा नहीं कर सकी। मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढाँचा जरूरतों और प्राथमिकताओं पर आधारित होना चाहिए और जब भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार बुनियादी ढाँचा तैयार हो जाए तो इसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन माध्यम से भिड़ेवाड़ा में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले के पहले बालिका विद्यालय स्मारक की आधारशिला रखते हुए कहा कि आधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ विरासत को भी संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का आधुनिकीकरण हो लेकिन यह हमारे मौलिक मूल्यों पर आधारित होना चाहिए।(भाषा)