ORR टोल कॉन्ट्रैक्ट का होगा पोस्टमॉर्टम

हैदराबाद, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने पिछली बीआरएस सरकार के कार्यकाल के दौरान दिये गये हैदराबाद आउटर रिंग रोड (ओआरआर) टोल कॉन्ट्रैक्ट की जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (सिट) का गठन करने की घोषणा की।

उन्होंने आज विधानसभा में कहा कि ओआरआर टोल कॉन्ट्रैक्ट मामले की सिट से समग्र जांच करवायी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीआरएस सदस्य हरीश राव के आग्रह के अनुसार और सभी सदस्यों की सहमति से ओआरआर लीज की जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा कर इससे संबंधित दिशा-निर्देश तय किये जाएंगे। सरकार द्वारा लिये गये ऋणों पर हुई लघु चर्चा में भाग लेते हुए हरीश राव ने कहा कि ओआरआर लीज के खिलाफ बार-बार बयानबाजी की जा रही है। अगर सरकार को यह लीज पसंद नहीं है तो वह इसे रद्द कर सकती है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि ओआरआर टोल कांट्रैक्ट कम दर पर दिये जाने को लेकर कई दिनों से चर्चा जारी है।

उन्होंने याद दिलाया कि हैदराबाद आज अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में विकसित होने के पीछे अतीत में कांग्रेस सरकारों द्वारा लिये गये निर्णय ही है। ओआरआर, शमशाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मेट्रो रेल, कृष्णा – गोदावरी जल, आईटी व फार्मा कंपनियों, बेहतर कानून व्यवस्था, चौबीस घंटे बिजली की आपूर्ति आदि सभी के चलते शहर का काफी विकास हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में साढ़े छह हजार करोड़ कर्ज लेकर ओआरआर का निर्माण किया गया। पिछली सरकार ने ठीक चुनावों से पहले ओआरआर को लीज पर दे दिया। उन्होंने कहा कि हरीश राव ने ओआरआर लीज की जांच के लिए अनुरोध किया और वह इस पर सहमत होते हुए सिट का गठन करने के आदेश दे रहे हैं।

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