हैदराबाद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अयोध्या में की गई हालिया टिप्पणी पर शनिवार को आपत्ति जतायी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सदियों पुराने घाव भर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनायी गई थी।
ओवैसी ने यहाँ एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि 500 साल के जख्म भर रहे हैं। सवाल यह है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, फिर प्रधानमंत्री किस आधार पर ऐसा बोल रहे हैं? वह किस जख्म की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घाव यह है कि छह दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया और संविधान तथा कानून के शासन को कमजोर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हमें यह समझना और याद रखना होगा कि 6 दिसंबर एक काला दिन है।
6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस को बताया काला दिवस
ओवैसी ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों की हत्या की तरह 6 दिसंबर को हुआ बाबरी मस्जिद विध्वंस भी एक काला दिवस है। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि फैसला (राम जन्मभूमि मामला) आस्था के आधार पर दिया गया था। बाबरी मस्जिद मामले में न्यायाधीशों ने लिखा है कि उपासना स्थल अधिनियम संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि अयोध्या मामले में फैसला लिखने वाले उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने सेवानिवृत्ति के बाद एक साक्षात्कार में कहा था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना गलत था, जो दुखद है।
ओवैसी ने कहा कि देश का कोई धर्म नहीं है और यह सभी लोगों का है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि यह एक धर्म का है, तो यह उन सभी लोगों का अपमान होगा, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था, जिनमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और सभी धर्म शामिल थे। उन्होंने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में एक अदालत ने आरोपियों को बरी कर दिया था और सवाल यह उठता है कि मस्जिद किसने गिरायी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर केसरिया धर्म ध्वज फहराया था, जो इसके औपचारिक निर्माण का प्रतीक था। उन्होंने कहा था कि सदियों के घाव और दर्द भर रहे हैं, क्योंकि 500 साल पुराना संकल्प आखिरकार पूरा हुआ है।
