
हैदराबाद, भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के. पद्मनाभैया ने कहा कि सतर्कता सभी की साझी जिम्मेदारी है। इसलिए हर एक को स्वयं सतर्कता अधिकारी के रूप में काम करना चाहिए।
पद्मनाभैया यहाँ दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रेलवे और रक्षा देश के स्तंभ हैं।
रेलवे भारत को जोड़ता रहा है और देशभर की विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाता रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में रेलवे का योगदान अद्वितीय रहा है। उन्होंने कहा कि सतर्कता-हमारी साझा जिम्मेदारी केवल एक नारा नहीं, बल्कि इसको रूप से जीवन में लाना चाहिए। पद्मनाभैया ने सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली और सुशासन के प्रमुख घटकों जैसे खुलापन, कानून के शासन का पालन, पारदर्शिता, नागरिक केंद्रित और सहभागी दृष्टिकोण के बीच समानताएँ आदि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सतर्कता विभाग के दैनिक कामकाज में इन सिद्धांतों को लागू करने से सतर्कता उल्लंघनों के मामलों में कमी आएगी और विभाग की समग्र दक्षता में और वृद्धि होगी। उन्होंने बिना किसी विचलन के निर्धारित प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया।
साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के प्रति भी आगाह किया और ऐसे किसी भी मामले को रोकने के लिए विस्तृत अध्ययन का आह्वान किया। दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा 27 अत्तूबर से 2 नवंबर तक सतर्कता-हमारी साझा ज़िम्मेदारी विषय पर सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। सतर्कता जागरूकता सप्ताह का उद्घाटन समारोह में के. पद्मनाभैया मुख्य अतिथि के रूप में और दमरे के अपर महाप्रबंधक सत्य प्रकाश विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
सतर्कता, ईमानदारी और पारदर्शिता का संदेश
समारोह की शुरुआत अपर महाप्रबंधक द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाने के साथ हुई। बाद में सतर्कता बुलेटिन अनिमिषा के 58वें संस्करण का विमोचन किया गया। अपर महाप्रबंधक सत्य प्रकाश ने कहा कि सतर्कता केवल भारतीय रेलवे के लिए नहीं, बल्कि समग्र समाज के लिए भी अत्यंत प्रासंगिक है। सतर्कता एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति को अपने कार्यों, निर्णयों और ईमानदारी के माध्यम से निभाना चाहिए।
दमरे जैसे संगठन में, जहाँ हज़ारों कर्मचारी प्रतिदिन सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं, ईमानदारी में एक छोटी सी चूक भी सुरक्षा, ग्राहक विश्वास, वित्त और जनता के भरोसे को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहाँ ईमानदारी को प्रोत्साहित किया जाए, पारदर्शिता बरती जाए और नैतिक आचरण की सराहना की जाए। एक खुशहाल और न्यायपूर्ण समाज के लिए ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का जश्न मनाया जाना चाहिए, उसका सम्मान किया जाना चाहिए और उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।
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समारोह के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार के दुष्प्रभावों के परिणाम और सतर्कता जागरूकता सप्ताह के संदेश को प्रसारित करते हुए नाटक का मंचन किया। रेलवे स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने सीवीसी द्वारा दिए गए विषय पर अंग्रेजी/हिन्दी निबंध लेखन और पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया। विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
