मतदान से नहीं रोके जाएंगे दल बदलू
हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने दल बदलने वाले विधायकों को मताधिकार से रोकने से साफ इनकार कर दिया। प्रजा शांति पार्टी के अध्यक्ष के.ए. पॉल ने दल बदलने वाले विधायकों के मामले में हस्तक्षेप न करते हुए केवल उन्हें विधानसभा में मताधिकार से वंचित करने का आदेश देने का आग्रह करते हुए याचिका दायर की थी। इस याचिका पर आज सुनवाई के दौरान तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस प्रकार का आदेश देने से साफ इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आलोक अरधे और जस्टिस जे. श्रीनिवास राव की खण्डपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। के.ए. पॉल ने अपनी याचिका में पार्टी बदलने वाले विधायक दानम नागेन्दर, बंड्ला कृष्णमोहन रेड्डी, कड़ियम श्रीहरि, तेल्लम वेंकट राव, पोचारम श्रीनिवास रेड्डी, काले यादय्या, टी. प्रकाश गौड़, एम. संजय कुमार, गुडेम महिपाल रेड्डी, आर.के.पुडी गांधी के ख़िलाफ अयोग्यता संबंधी कार्रवाई करते हुए मताधिकार से वंचित करने का आग्रह किया। इन विधायकों को विधानसभा में क़दम न रखने संबंधी आदेश देने का भी आग्रह किया। सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने कहा कि इस मामले में विधानसभाध्यक्ष द्वारा कार्रवाई किए जाने तक अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
सुनवाई के दौरान विधायक महिपाल रेड्डी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील देते हुए कहा कि संविधान के 10वें अनुच्छेद के अनुसार इस मामले में विधानसभाध्यक्ष द्वारा कार्रवाई किए जाने तक अदालत को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। अयोग्यता संबंधी याचिका पर केवल विधानसभा अध्यक्ष ही निर्णय ले सकते हैं। इस संदर्भ में सुभाष देशाई बनाम महाराष्ट्र सरकार के मामले का भी उल्लेख किया। दलील सुनने के पश्चात खण्डपीठ ने अंतरिम याचिका को खारिज करते हुए आदेश देने से साफ इनकार कर दिया।