पितरों की शांति के लिए करें नान्दीमुख श्राद्ध
हरियाली अमावस्या को पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए बहुत ही शुभ और शक्तिशाली दिन माना जाता है। इसमें पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले कर्म तर्पण, सपिंडक, पिंडदान आदि कर्म करने का विधान है। इसलिए इस तिथि को नांदी मुख श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। नांदी का अर्थ है- सुख या आनंद और मुख का अर्थ है- आरंभ।
यानी सुखद या शुभ कार्यों के प्रारंभ से पहले पितरों का स्मरण और तर्पण करना। यह प्रेत श्राद्ध नहीं होता है, बल्कि यह शुभता के लिए किया जाने वाला श्राद्ध होता है। यह श्राद्ध किसी भी अमावस्या या शुभ अवसरों पर कर सकते हैं। वर्तमान में देव सो गए हैं, इसलिए मांगलिक कार्य पर रोक है। अत: यह श्राद्ध कर सकते हैं। वास्तव में इसे दो कारणों से किया जाता है।
पहला कारण : जब भी घर-परिवार में कोई विवाह, गृह-प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जा रहे हों तो उनमें किसी प्रकार के कोई विघ्न न हो और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त हो। इसलिए मांगलिक कार्य के पूर्व नांदीमुख श्राद्ध किया जाता है।
दूसरा कारण : यदि किसी के भी घर-परिवार में किसी भी परिजन का देहांत हो गया है और उसका श्राद्ध नहीं किया है यानी पहली बार श्राद्ध किया जा रहा हो तो विधिवत रूप से नान्दीमुख श्राद्ध करते हैं। यानी किसी भी पितर का पहली बार श्राद्ध किया जा रहा है तो उसका नांदी श्राद्ध करते हैं।
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नांदी मुख श्राद्ध विधि
नांदी श्राद्ध की विधि शिव पुराण में विस्तार से बताई गई है। पंडितों के माध्यम से इस श्राद्ध को कराया जाता है। इस श्राद्ध में कई तरह के कर्मकांड किए जाते हैं, जैसे- षोडशमातृका पूजन, सप्त घृत मातृका, वसोर्धारा के अंतर्गत पवित्रिकरण, पवित्रीधारण, आचमन, आसन शुद्धि, शिखा बंधन, प्राणायाम, पंचगव्य निर्माण, संकल्प, आवाहन, तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोजन, आशीर्वाद ग्रहण आदि। इसमें सबसे पहले मातृका पूजन और वसोर्धारा का कर्मकांड करते हैं। इसके बाद सपिण्ड, पिंड रहित, आमान्न और हेम श्राद्ध करते हैं।
महत्व
इस श्राद्ध को करने से सभी तरह के मांगलिक कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं। पितृ दोष, देव दोष, सर्प दोष आदि से छुटकारा मिलता है। इससे पितरों का भरपूर आशीर्वाद मिलता है, जिसके चलते जीवन में आने वाली समस्याओं का निदान होता है। इस श्राद्ध को करने से पितरों को शांति मिलती हैं और वे सद्गति को प्राप्त होते हैं। यह श्राद्ध जातक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि को लाता है।
-शैली प्रकाश
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