एच-सिटी परियोजना में 38 सड़कों के विकास का प्रस्ताव
भवन निर्माण अनुमति से जीएचएमसी ने कमाये 815.76 करोड़
हैदराबाद, ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने बीते वर्ष 2024 में कई विकासात्मक कार्य पूरे किये हैं और अगले वर्ष भी बड़ी संख्या में परियोजनाएं पूरी होंगी। निगम ने इस वर्ष भवन निर्माण अनुमति से 815.76 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया।
महापौर गदवाल विजयलक्ष्मी ने वर्षभर की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि 2024 में टीजीबीपास के माध्यम से कुल 14,043 भवनों को निर्माण की अनुमति जारी की गयी, जिससे जीएचएमसी को 815.76 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार की सभी रणनीतिक योजनाओं को एच-सिटी परियोजना के तहत एक छतरी के नीचे लाया गया है, जिनमें से 38 सड़कों के विकास का प्रस्ताव दिया गया है, 27 सड़क विकास योजनाओं को मंजूरी दे दी गई है, शेष 11 योजनाएं तैयार की जा रही हैं और भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में एच-सिटी परियोजना कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण को पूरा करना और यातायात व टीजीएसपीडीसीएल विभागों के समन्वय से जंक्शन विकास कार्यों को शुरू करना निगम की प्राथमिकताओं में शामिल है।
महापौर ने कहा कि यातायात को सुचारू बनाने के लिए हैदराबाद, साइबराबाद और राचाकोंडा आयुक्तालयों में 233 करोड़ रुपये की लागत से 74 जंक्शनों के विकास कार्य शुरू किए गए हैं। जीएचएमसी पुराने शहर में चार प्रमुख सड़कों पर 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिसमें डबीरपुरा पुलिस स्टेशन से नागाबावली, शेख फैज़ कमान से डबीरपुरा फ्लाईओवर तक, शास्त्रापुरम जंक्शन से फलकनुमा बस डिपो तक चार मुख्य सड़कों का विस्तारीकरण उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5,174 स्वयं सहायता समूहों को 564.61 करोड़ रुपये का बैंक लिंकेज ऋण प्रदान किया गया है और 1,075 नई स्वयं सहायता समितियों का गठन किया गया है। बेरोजगार युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए सीएसआर के तहत चंदानगर, माच्छाबोलारम, मल्लेपल्ली और बोराबांडा में चार कौशल विकास केंद्र स्थापित किये गये हैं।शहरी सामुदायिक विभाग द्वारा इंदिरा महिला शक्ति योजना के तहत 30 सर्किलों में 7,000 उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य है, अब तक 28.71 करोड़ रुपये की लागत से 230 समूह इकाइयां और 52.31 करोड़ रुपये की लागत से 2871 व्यक्तिगत इकाइयां स्थापित की गई हैं। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 95,273 फुटपाथी व्यवसायियों को 162.36 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। अगले वर्ष पात्र महिलाओं की पहचान कर नई स्वयं सहायता समितियों की स्थापना, व्यक्तिगत/समूह एसएचजी की पहचान और सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी तथा इंदिरा महिला शक्ति इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
महापौर ने कहा कि जीएचएमसी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या को हल करने के लिए 528.51 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर कुल 34 नए वर्षा जल नालों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 46.70 किमी का कार्य पूरा किया गया है। पूंजीगत बुनियादी ढांचे के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना के तहत केंद्र सरकार से विशेष सहायता प्राप्त करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। जीएचएमसी खेलों को प्रोत्साहित करने में भी अग्रणी है। प्रत्येक वार्ड के लिए 2 लाख रुपये के खेल उपकरण आवंटित किए गए हैं। गले वर्ष विभिन्न खेल मैदानों को उन्नत किया जाएगा। व्यायाम शालाओं में उपकरण बदले जाएंगे।
महापौर ने बताया कि महानगर ग्रेटर में जंक्शन सुधार और सौंदर्यीकरण के लिए फ्लाईओवर, सेंट्रल मीडियन और जंक्शनों की पहचान करके, कलात्मक मूर्तियां, युवाओं और बच्चों को प्रेरित करने के लिए पेंटिंग और हैदराबाद अन्य सौंदर्यीकरण कार्य किए गए हैं। सौंदर्यी करण कार्य के लिए कुल 149 करोड़ रुपये मंजूर किए गये हैं। अब तक 5.33 करोड़ की लागत से 15 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष 209 कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं। एसआरडीपी के 42 कार्यों में से 37 कार्य पूरे हो चुके हैं। ज़ूपार्क फ्लाईओवर के साथ 23 फ्लाईओवरों के कार्य पूरे हुए हैं। शेष सभी कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं और अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाये गये हैं।
गदवाल विजयलक्ष्मी ने आगे बताया कि वर्षा जल जमाव की समस्या को दूर करने के लिए अगले दो वर्षों में 100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 50 जल धारण संरचनाओं का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। 15.09 करोड़ रुपये की लागत से 14 निर्माण कार्य किए गए हैं। 11 कार्य जल्द पूरे होंगे। अन्य कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं। निगम विभिन्न कार्यों में आईटी का उपयोग कर रहा है। विशेष रूप से कर्मचारियों की हाज़री में चेहरे की पहचान के आधार पर एआई का उपयोग किया जा रहा है।