स्वयं के बल पर आपराधिक मामले सुलझा रही है रेलवे पुलिस
हैदराबाद, आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए इसके पूर्व रेलवे पुलिस कानून-व्यवस्था से संबंधित पुलिस का सहयोग लेती थी, लेकिन वर्तमान समय में रेलवे पुलिस अपने बलबूते पर आपराधिक घटनाओं को सुलझा रही है।
आज यहाँ वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रेलवे पुलिस अधीक्षक चंदना दीप्ति ने बताया कि इस वर्ष से राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) में आपराधिक घटनाओं को सुलझाकर अपराधियों को जेल की सज़ा दिलाने के लिए एक विशेष जीआरपी टीम का गठन किया। विशेष रूप से गठित टीम कई आपराधिक घटनाओं को सुलझाने में सफलता हासिल की और इस संबंध में टोल फ्री नं. 139 पर यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। यह विशेष टीम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे सतर्क रहती है। उन्होंने रेल यात्रियों से टोल फ्री नं. 139 पर संपर्क कर अपनी समस्याएँ और शिकायतें रेलवे पुलिस को बताने को कहा। उन्होंने बताया कि यात्रियों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआरटी) की भी शुरुआत की गई है। इसके भी अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
आपराधिक आँकड़ों का ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष संपत्ति संबंधी 901 मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में से 142 मामलों को सुलझाकर 121 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। रेलवे पुलिस ने सिकंदराबाद स्टेशन पर इस वर्ष 37,19,312 रुपये की संपत्ति भी ज़ब्त की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लूटपाट के लिए हत्या के तीन मामले दर्ज़ हुए। इन तीनों मामलों को सुलझा लिया गया। इस वर्ष दर्ज दो हत्या के मामलों में से एक की गुत्थी सुलझा ली गई। इसके अलावा इस वर्ष डकैती का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ, वहीं दर्ज 16 रॉबरी के मामलों में से 14 को सुलझा लिया गया। इन मामलों के संबंध में 17 में से दो आरोपियों को जेल की सजा भी सुनाई गई। इस वर्ष हत्या प्रयास के तीन मामले दर्ज किए गए, जिनमें से दो की गुत्थी सुलझा ली गई। बलात्कार के दर्ज दो मामलों में से एक मामले को सुलझाकर बलात्कारी को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसी प्रकार धोखाधड़ी के 9 मामले (5 सुलझाए गए), मारपीट के 13 मामले (चार सुलझाए गए), 58 अन्य आपराधिक मामले (26 सुलझा लिए गए), महिलाओं के लिए 6 मामले (सभी मामले सुलझाए गए), लापता होने संबंधी 41 मामले (30 सुलझाए गए), सीआरपीसी की धारा 174 के तहत 1,468 मामले (1,223 अज्ञात लोगों के मामले) दर्ज किए गए। इस प्रकार कुल 2,623 दर्ज मामलों में 3,43,93,179 रुपये की संपत्ति लूटी गई और इनमें से 10.81 प्रतिशत की दर से 37,19,312 रुपये की संपत्ति बरामद की गई। संपत्ति संबंधी अपराध के मामलों को सुलझाने में इस वर्ष 15.56 प्रतिशत की सफलता प्राप्त की गई। इसके अलावा इस वर्ष 56 एनडीपीएस संबंधी मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 38 मामलों को सुलझाकर 53 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा आबकारी व अन्य अधिनियम के तहत 26 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से तीन मामलों को सुलझाकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस वर्ष ऑपरेशन मुस्कान के तहत 59 बालक और 25 बालिकाओं समेत 84 बच्चों को बचाया गया। इस वर्ष पटरियाँ पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से 1,468 लोगों की मौत हुई, जिनमें 193 अज्ञात लोग शामिल है।