रक्षाबंधन करवाता है कर्तव्य बोध : आत्मदर्शनाश्रीजी
हैदराबाद, रक्षाबंधन बहन के प्रति भाई के कर्तव्यों की याद दिलाता है। हमें इस पावन त्यौहार पर हर दुखी बहन की सहायता करनी चाहिए। जैन धर्म त्याग सिखाता है। रक्षाबंधन प्रेम भाईचारा निभाने का त्यौहार है।
उक्त उद्गार फीलखाना स्थित महावीर भवन में श्री महावीर स्वामी जैन श्वेतांबर संघ के तत्वावधान में चातुर्मासिक धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी आत्मदर्शनाश्रीजी म.सा. ने दिये। पूज्यश्री ने कहा कि राखी के त्यौहार का जैन धर्म में बहुत बड़ा महत्व है। जैन दर्शन प्राणी मात्र की रक्षा को महत्व देता है। म.सा. ने कहा कि र से मतलब जीव मात्र की रक्षा करना, क्ष का अर्थ क्षायिक समकित होता है। वैसे तो बंधन किसी का अच्छा नहीं होता है। संसार के सभी बंधनों से मुक्त होना ही वैराग्य कहलाता है। क्षायिक समकित से ही केवल ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। म.सा. ने कहा कि इतिहास साक्षी है जब भगवान महावीर का जन्म हुआ था तब इन्द्र महाराजा ने भगवान की रक्षा पोटली (धागा) बांधा था। बहन ब्राह्मी व सुन्दरी ने भाई बहुबलि को अभिमान रूपी हाथी से नीचे उतरने का प्रतिबोध दिया था। रक्षाबंधन का न नम्रता का संदेश देता है।
म.सा. ने कहा कि कई शूरवीर भाइयों ने बहन की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। रानी कदावती ने बादशाह हुमायूँ को राखी भेजी थी और मुगल बादशाह हुमायूँ ने विपत्ति आने पर रानी कदावती की रक्षा की। राम प्रेम वात्सल्य का प्रतीक बन सभी बहनों की रक्षा करते हैं जबकि रावण की दृष्टि में वासना का अंश था। हमें इस पावन त्यौहार पर हर दुखी बहन की सहायता करनी चाहिए। जैन धर्म त्याग सिखाता है। रक्षा बंधन प्रेम भाईचारा निभाने का त्यौहार है। अवसर पर सकल संघ में राखी बांधी गई। संघ के प्रचार संयोजक जसराज सिंघवी ने बताया कि आज नवकार मंत्र आराधना का अंतिम दिन है। आज के एकासने का लाभ रोहिणी देवी हुकमीचंद शिवलाल बंदा मुथा परिवार ने लिया। 20 अगस्त को पारणे का लाभ सुरेशचंद सोहनलाल कानूंगो ने लिया है। आज भगवान महावीर स्वामीजी को सुदर्शना बहन बनकर राखी बांधने का लाभ चढ़ावे द्वारा मदनराज जामतराज शाह परिवार ने लिया। ढोल नगाड़ों के साथ लाभार्थी परिवार ने सकल संघ को महावीर स्वामी मंदिर साध्वीवृंद के साथ ले जाकर भगवान के दर्शन वंदन किये। म.सा. की आज्ञानुसार नवकार मंत्र जाप के सभी आराधक ज्ञान, दर्शन, तप, चारित्र की आराधना विधि सहित कल करेंगे।
धर्मसभा में मदनराज शाह, तिलोकचंद झोटा, नेमीचंद झोटा, सुरेश दोषी मुथा, जसराज सिंघवी, राजेश भंडारी, सोहनलाल मांगीलाल वेदमुथा, गणपत राज भंडारी, सीए जसराज श्रीश्रीमाल, दिलीप श्रीश्रीमाल, मिरज भोजाणी, दौलतराज भोजाणी, अमृतलाल भोजाणी, जसराज देवड़ा धोका, कीर्ति भाई श्रीश्रीमाल, कानराज मुथा, डूंगरचंद श्रीश्रीमाल, कूंभालाल कवदि एवं बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।