न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के सहयोग से निम्स में दुर्लभ सर्जरी

हैदराबाद, निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (निम्स) के प्लास्टिक एंड रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के सर्जनों द्वारा न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के क्रैनियोफेशियल सर्जरी संकाय के सहयोग से सात वर्षीय बालक की जीवन रक्षक सर्जरी कर उसके चेहरे का पुर्निर्माण किया गया।

जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हैदराबाद निवासी सात वर्षीय बालक कौशल का जन्म क्रैनियोसिनोस्टोसिस के कारण विवफढत सिर के आकार के जन्म दोष के साथ हुआ था। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें खोपड़ी विवफढत होती है। इससे मस्तिष्क का विकास सीमित हो जाता है। इस स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित कौशल की 6 माह की आयु में न्यूरोसर्जरी हुई थी, लेकिन उसका सिर असामान्य आकार में बढ़ता रहा। चेहरे के अपर्याप्त विकास के कारण आँखें कक्षाओं से बाहर निकल रही थीं। रात में सीधे सो नहीं पाने और ऑक्सीजन स्तर में अचानक गिरावट आने के कारण उसकी समस्या और भी बदतर हो गई थी।

बालक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए निम्स के चिकित्सकों ने उसके श्वसन मार्ग को बढ़ाने के साथ उसकी आँखों की सुरक्षा के लिए सुधारात्मक सर्जरी करने का फैसला किया। यह सर्जरी 6 से 8 जनवरी के बीच न्ययार्क यूनिवर्सिटी के विजिटिंग फैकल्टी तथा क्रैनियोफेशियल सर्जन डॉ. डेविड ए. स्टाफेनबर्ग के सहयोग से की गई। इस जीवन रक्षक सर्जरी के बाद बालक बिना सीपीएपी मशीन की जरूरत के पीठ के बल सोने में सक्षम हो गया। बालक के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। निम्स के प्लास्टिक एंड रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग द्वारा ऐसे गंभीर तथा दुर्लभ मामलों में अंतरराष्ट्रीय संकाय के साथ सहयोग करने का अवसर देने के लिए निदेशक एन. बीरप्पा का आभार व्यक्त किया गया।

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