पुनर्वास और रिकवरी केंद्र एचसीएएच ने मनाया वर्ल्ड स्ट्रोक डे

हैदराबाद, विश्व स्ट्रोक दिवस पर पुनर्वास और रिकवरी केंद्र एचसीएएच ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी गतिविधियों से जागरूकता लाते हुए तेलंगाना में अधिक से अधिक पुनर्वास और रिकवरी केंद्र स्थापित करने पर ज़ोर दिया।

एचसीएएच के डॉक्टरों और स्टाफ की टीम ने आज मरीज़ों के साथ विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया। सोमाजीगुड़ा में आयोजित कार्यक्रम में सह-संस्थापक और सीओओ डॉ. गौरव ठकराल ने बताया कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, जागरूकता की कमी जैसे जोखिम कारकों के कारण तेलंगाना में स्ट्रोक के मामलों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती है। इसकी रोकथाम और पुनर्वास के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए खेलकूद गतिविधियों के साथ स्वास्थ्य हेतु उत्साहवर्धक विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में स्ट्रोक की व्यापकता ग्रामीण और शहरी जीवनशैली से प्रभावित है। स्ट्रोक एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बनी हुई है, जिससे संबंधित जोखिम कारकों को कम करने के लिए बेहतर न्यूरोलॉजिकल सेवाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों की आवश्यकता है।

डॉ. गौरव ने कहा कि बहु-विषयक विशेषज्ञता और उन्नत पुनर्वास उपकरणों के संयोजन के माध्यम से पक्षाघात से उबरने के समय को काफी कम कर सकते हैं। रोगियों और उनके परिवारों के साथ व्यक्तिगत देखभाल योजनाएँ बनाकर सुनिश्चित किया जा सकता है कि प्रत्येक स्ट्रोक उत्तरजीवी को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप देखभाल प्राप्त हो। संज्ञानात्मक चिकित्सा, संवेदी पुनर्वसन, मनोरंजक पुनर्वसन के दौरान सामान्य जीवन में वापसी की सुविधा प्रदान कर दूसरे स्ट्रोक को रोका जा सकता है।

जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इसमें शामिल करने के लिए एचसीएएच ने विश्व स्ट्रोक दिवस पर वॉकाथन और बाइक रैली का आयोजन किया। यह आयोजन स्ट्रोक के प्रभाव और समय पर पुनर्वास के महत्वपूर्ण महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहे। बाइक रैली सोमाजीगुडा से गच्ची बावली तक आयोजित की गयी। यशोदा अस्पताल के डॉ. बीएसवी राजू (न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन) ने कहा कि रोगियों और उनके परिवारों के साथ उचित साझेदारी से व्यक्तिगत देखभाल योजनाएँ बनाना रोगी के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकता है। अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित रोगियों ने अनुभव सुनाए।

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